खुद अफसरों के खिलाफ हो गए थे सब्जी विक्रेता 22 मार्च से लॉक डाउन लगा था, लेकिन जरुरत के हिसाब से सब्जी मंडियां खुली रहीं। मंडी में भीड-़भाड़ के चलते 25 अप्रेल से सब्जी मंडी का समय परिवर्तित कर दिया। मंडी का समय पहले रात दस से सुबह पांच बजे तक कर दिया। तब भी भीड़ के हालात पर काबू न देख प्रशासन ने मंडी समय रात बारह से सुबह पांच बजे तक कर दिया। फिर भी भीड़ पर काबू पाने पर ध्यान नहीं दिया। इतना ही नहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने कोशिश की तो विरोध शुरू कर दिया गया।
अब लेना पड़ा मंडी बंद करने का निर्णय थोक सब्जी मंडी में आढ़तिया रामनिवास का कहना है कि ऐसे में संक्रमितों की संंख्या बढ़ी तो सब्जी मंडी बंद का निर्णय प्रशासन ने लिया। मंडी में कुछ दिन पहले 52 सैम्पल लिए गए। इनमें से 29 पॉजिटिव आए हैं। सैम्पलिंग का कार्य तो निरंतर चलना चाहिए था। यही नहीं पूरे शहर को दोपहर एक बजे बाद से लॉक डाउन करने का निर्णय लेना पड़ा। पुन: सुबह आठ से दोपहर एक बजे तक किराना, आटा चक्की खोलने व दूध बेचने आदि का समय निर्धारित करना पड़ा। यही हालत बाजार में भी रही, जहां दुकानों पर लगी भीड़ पर नियंत्रण रखने के इंतजाम नहीं किए गए।
-संक्रमण की रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेंस, मास्क, सैनेटाइजर और घर में रहना जरूरी है, तभी नियंत्रण किया जा सकता है। सब्जी मंडी में भी लोगों को नियंत्रण रखना चाहिए था। कुछ दिनों में अधिक पॉजिटिव केस सब्जी मंडी से ही सामने आए हैं। लोगों को नियमों का पालन करना होगा।
– डॉ. कप्तान सिंह, सीएमएचओ भरतपुर।