वर्ष परिणाम
2011 79.22
2012 80.34
2013 79.57
2014 90.22
2015 85.21
2016 90.40
2017 94.28
2018 94.93
2019 93.93 युवाओं को सीए बनना कम पसंद, डॉक्टर व इंजीनियर बनना ज्यादा
-क्योंकि हर पांच साल में बदलता है संकायवाइज ट्रेंड
भरतपुर. युवाओं में पढ़ाई का ट्रेंड बदल रहा है। हालांकि वाणिज्य संकाय में करीब तीन दर्जन स्कूल ही संचालित है तो विज्ञान संकाय करीब 100 स्कूलों में है। ऐसे में तय है कि हर पांच साल में पढ़ाई व युवाओं में मानसिक बदलाव आता ही रहता है। फिलहाल जितना युवाओं में डॉक्टर व इंजीनियर बनने का सपना देखने को अधिक मिल रहा है, उतना पहले कभी नहीं देखा गया। परिणाम प्रतिशत की बात करें तो 95 प्रतिशत से अधिक लाने वाले विद्यार्थियों की भी भरमार है, लेकिन इन सबके बीच एक खास बात यह भी है कि कॉमर्स संकाय के प्रति पिछले नौ साल के अंदर युवाओं का क्रेज कम होता जा रहा है, जबकि यह क्रेज साइंस के प्रति लगातार बढ़ रहा है। हालांकि इस साल विज्ञान संकाय में भी विद्यार्थियों की संख्या में कमी आई है। विद्यार्थियों की संख्या इस हकीकत को बयां कर रही है। नौ साल में कॉमर्स में विद्यार्थियों की संख्या आधी रह गई है। यही कारण है कि शिक्षा विभाग भी वाणिज्य संकाय में घटती जा रही विद्यार्थियों की संख्या को लेकर चिंता में है। बच्चे सीए, ऑडिटर से अधिक पिछले कई साल से साइंस के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। हालांकि जीएसटी लागू होने के बाद वाणिज्य संकाय में रोजगार के अवसर बहुत मिल रहे हैं। वाणिज्य संकाय के प्रति लगाव कम होने का एक और बड़ा कारण है कि राज्य सरकार की ओर से इस संकाय में शिक्षकों के पद भी सृजित नहीं किए जा रहे हैं।
वर्ष विद्यार्थी
2013 1460
2014 1340
2015 1028
2016 792
2017 787
2018 677
2019 643
2020 615 विज्ञान में हर साल बढ़े विद्यार्थी
वर्ष विद्यार्थी
2013 7347
2014 7568
2015 7621
2016 7804
2017 8735
2018 9422
2019 10050
2020 8808