शनिवार को सीएमएचओ डॉ. गोपाल शर्मा के निर्देशन पर डिप्टी सीएमएचओ डॉ. अमर सिंह, खाद्य निरीक्षक जगदीश गुप्ता, अनिल गोयल, दिलावर की टीम ने बयाना की अर्थ डेयरी पर दूध की जांच की। दूध में से डेयरी संचालक ने क्रीम निकाल ली थी, जिसकी वजह से दूध में निर्धारित मानक(4.5ग्राम प्रति लीटर) से कम (2 ग्राम से भी कम) फैट पाया गया। डेयरी संचालक ऐसे दूध से पनीर का निर्माण भी कर रहा था, जो कि बिक्री के योग्य नहीं था।
ग्रामीणों से दूध लेने के बाद डेयरी संचालक दूध से पूरी क्रीम को निकाल लेते हैं और फिर घरों में पहुंचाते हैं। या फिर पनीर बनाकर मोटे दाम पर बेचते हैं। क्रीम निकाल लेने से दूध की सारी पौष्टिकता खत्म हो जाती है। फिर इस दूध डेयरी संचालक मिल्क पाउडर, ग्लूकोज, रिफाइंड आदि का मिश्रण कर उसी गुणवत्ता के स्तर पर पहुंचा देते हैं। ऐसे में दूध के गोरखधंधे से जुड़े लोग इस दूध को आम लोगों में खपा रहे हैं और इसी दूध से पनीर का निर्माण किया जा रहा है। दूध के धंधे से जुड़े व्यापारियों की मानें तो जिलेभर में क्रीम निकालने के दर्जनों अड्डे हैं। इन पर खुलेआम दूध से क्रीम निकालने का काम किया जाता है।
– 60 हजार रुपए कीमत का दो हजार लीटर दूध खरीदा
– सेपरेटर मशीन से दूध में से छाछ, क्रीम, सपरेटा दूध(एसएमएफ) अलग कर लिया जाता है।
– सौ लीटर दूध में से 12 लीटर क्रीम और 12 लीटर क्रीम में से 6 लीटर घी निकलती है।
– दो हजार लीटर दूध से 240 लीटर क्रीम निकाली।
-240 लीटर क्रीम से करीब 120 लीटर घी तैयार किया, जिसकी बाजार कीमत करीब 54 हजार रुपए होती है।
– क्रीम निकलने के बाद वही दो हजार लीटर दूध अन्य सामग्री मिलाकर फैट बढ़ाकर 34-35 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से 68 हजार रुपए में बेच दिया जाता है।
डिप्टी सीएमएचओ डॉ. अमर सिंह व टीम ने उच्चैन में मुरारीलाल किराना स्टोर से दाल के नमूने लिए। साथ ही बयाना में बजरंग मिष्ठान भण्डार की दुकान से मावा के सैम्पल लिए गए।
बयाना की अर्थ डेयरी पर करीब दो हजार लीटर अमानक दूध पाया गया, जिसे सैम्पल लेने के बाद नष्ट करा दिया गया। सैम्पल को जांच के लिए भेज दिया गया है।
– डॉ. अमर सिंह, डिप्टी सीएमएचओ(स्वास्थ्य), भरतपुर।