किसान पपीते की अर्ली बैराईटी लगाने में जुटे हुऐ हैं जो कम समय में ज्यादा व गुणवत्ता युक्त पैदावार प्राप्त होती है। पपीता, आम, जामुन में छाछ, नीम, तम्बाकू की पत्तियां, गोबर की खाद, मुर्गी की बीट, चमगादड की बीट, वर्मी कम्पोस्ट खाद का ही उपयोग कर रहे हैं। भुसावर की मिट्टी अधिक उपजाऊ है। यहां के बागानों का पपीता जयपुर,दिल्ली, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों में जाता है। भुसावर के पपीता का भाव भी ज्यादा मिलता हैं।