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महीनों से सोशल मीडिया पर सक्रिय थे बाल संप्रेषण गृह के आवासित, आए दिन होती रही पार्टियां

locationभरतपुरPublished: Dec 03, 2020 03:43:48 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-जिस सोशल मीडिया अकाउंट से हाल में लाइव हुआ था उसी से आए दिन पोस्ट होते रहे फोटो, सुबह की-पेड मोबाइल तो दबाव बढ़ता देख शाम को एंड्राइड मोबाइल भी बरामद

महीनों से सोशल मीडिया पर सक्रिय थे बाल संप्रेषण गृह के आवासित, आए दिन होती रही पार्टियां

महीनों से सोशल मीडिया पर सक्रिय थे बाल संप्रेषण गृह के आवासित, आए दिन होती रही पार्टियां

भरतपुर. सरसों अनुसंधान केंद्र के पीछे स्थित राजकीय बाल संप्रेषण गृह में शराब पार्टी का नजारा जिस सोशल मीडिया अकाउंट से लाइव किया गया था, उसी अकाउंट से पिछले करीब एक से डेढ़ माह के दौरान पार्टियों के वीडियो व खुद के फोटो पोस्ट किए जा रहे थे। आश्चर्य की बात यह है कि बाल सुधार गृह के नाम पर वहां बच्चों को बिगाड़ा जा रहा था। बल्कि खुद इस गृह का जिम्मा संभालने वाले तमाम अधिकारी भी जानबूझ कर अनजान ही बने रहे। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने दो दिसंबर के अंक में बाल संप्रेषण गृह में आवासितों ने की शराब पार्टी, सोशल मीडिया पर 22 मिनट तक किया लाइव शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया।
राजकीय बाल संप्रेषण गृह की जांच के लिए बुधवार दोपहर जयपुर से आई टीम ने निरीक्षण किया। देर शाम तक टीम की ओर से बाल संप्रेषण गृह की सघन तलाशी की गई। इसमें कुछ आपत्तिजनक सामान मिलने की बात सामने आई है, लेकिन खुद टीम में शामिल आपत्तिजनक सामान की सूची को लेकर जबाव देने से कतराते रहे। दोपहर को जहां एक की-पेड मोबाइल भी तलाशी मिलने की बात स्वीकार की गई। देर शाम को एक एंड्राइड मोबाइल मिलने की कहानी सामने आई, परंतु एंड्राइड मोबाइल की बात को लेकर अधिकारी कुछ भी बोलने से कतराते रहे। बाल अधिकारिता विभाग के आयुक्त महेशचंद शर्मा, कार्यक्रम अधिकारी गोविंद बेनीवाल, बाल अधिकारिता विभाग की डीएसपी मीना शास्त्री, सहायक निदेशक जयकिशन मीणा ने प्रकरण की जांच की। साथ ही विभाग के अधिकारियों के बयान दर्ज किए। इसके अलावा जिला कलक्टर नथमल डिडेल से भी इस प्रकरण के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। वहीं विभाग की ओर से गार्डों पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। जांच रिपोर्ट भी टीम ने दे दी है।
लाइव हुआ ये सच…लेकिन मोबाइल की कहानी उलझी

इस प्रकरण की कहानी अब भी संबंधित विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है। दोपहर को अधिकारियों ने की-पेड मोबाइल मिलने की बात स्वीकार की, लेकिन यह भी सच है कि की-पेड मोबाइल के माध्यम से सोशल मीडिया अकाउंट नहीं चलाया जा सकता है। ऐसे में एंड्राइड मोबाइल का गायब होना भी पहेली बना रहा। शाम को एंड्राइड मोबाइल मिलने की बात भी सामने आई, लेकिन अधिकारी गुमराह करते रहे। इन सबके बाद भी सवाल यह है कि जब दोपहर को निरीक्षण किया गया था तो एंड्राइड मोबाइल कहां चला गया था और शाम को अचानक मोबाइल की बात आने के बाद भी अधिकारी इस बात के स्वीकार करने से क्यों कतराते रहे।
आयोग की अध्यक्ष ने की बैठक, जताई नाराजगी

भरतपुर. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल की अध्यक्षता में जिला कलक्टर नथमल डिडेल, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गंगाराम पाराशर, सदस्य अनुराधा शर्मा, राजाराम भूतौली, मदनमोहन शर्मा, नरेन्द्र सिंह डागुर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक प्रफुल्ल कुमार चौबीसा एवं बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक के साथ ऑनलाइन बैठक की गई। बैठक में आयोग की अध्यक्ष ने घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए जिला कलक्टर को घटना की पूर्ण जांच कर तथ्यात्मक रिपोर्ट आयोग कार्यालय को अविलम्ब प्रेषित करने हेतु निर्देशित किया गया। जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने घटना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए बाल संप्रेषण गृह के केयरटेकर, परिसर में कार्यरत जॉब बेस्ड कर्मियों, प्लेसमेंट एजेंसी अथवा सेवा प्रदाता के माध्यम से लगे कार्मिकों के विरुद्ध तथा घटना में संलिप्त बालक के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही परिसर में लगे जैमर, संप्रेषण गृह के कॉरिडोर में लगे कैमरा तथा बाहर लगे खराब कैमरा को रिप्लेस करवाने, विंडो ग्रिल की मरम्मत करवाने सहित आवासित बालकों की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

निष्पक्षता के साथ करेंगे जांच

-निष्पक्षता के साथ जांच की जा रही है और जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। पहले भी बच्चों के सम्प्रेषण गृह से भागने की घटनाएं सामने आती रहीं है। कारणों की जांच की जा रही है और बार-बार हो रहीं घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो इसके पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।
महेशचंद शर्मा आयुक्त, बाल अधिकारिता विभाग

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