लाइव हुआ ये सच…लेकिन मोबाइल की कहानी उलझी इस प्रकरण की कहानी अब भी संबंधित विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है। दोपहर को अधिकारियों ने की-पेड मोबाइल मिलने की बात स्वीकार की, लेकिन यह भी सच है कि की-पेड मोबाइल के माध्यम से सोशल मीडिया अकाउंट नहीं चलाया जा सकता है। ऐसे में एंड्राइड मोबाइल का गायब होना भी पहेली बना रहा। शाम को एंड्राइड मोबाइल मिलने की बात भी सामने आई, लेकिन अधिकारी गुमराह करते रहे। इन सबके बाद भी सवाल यह है कि जब दोपहर को निरीक्षण किया गया था तो एंड्राइड मोबाइल कहां चला गया था और शाम को अचानक मोबाइल की बात आने के बाद भी अधिकारी इस बात के स्वीकार करने से क्यों कतराते रहे।
आयोग की अध्यक्ष ने की बैठक, जताई नाराजगी भरतपुर. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल की अध्यक्षता में जिला कलक्टर नथमल डिडेल, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गंगाराम पाराशर, सदस्य अनुराधा शर्मा, राजाराम भूतौली, मदनमोहन शर्मा, नरेन्द्र सिंह डागुर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक प्रफुल्ल कुमार चौबीसा एवं बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक के साथ ऑनलाइन बैठक की गई। बैठक में आयोग की अध्यक्ष ने घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए जिला कलक्टर को घटना की पूर्ण जांच कर तथ्यात्मक रिपोर्ट आयोग कार्यालय को अविलम्ब प्रेषित करने हेतु निर्देशित किया गया। जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने घटना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए बाल संप्रेषण गृह के केयरटेकर, परिसर में कार्यरत जॉब बेस्ड कर्मियों, प्लेसमेंट एजेंसी अथवा सेवा प्रदाता के माध्यम से लगे कार्मिकों के विरुद्ध तथा घटना में संलिप्त बालक के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही परिसर में लगे जैमर, संप्रेषण गृह के कॉरिडोर में लगे कैमरा तथा बाहर लगे खराब कैमरा को रिप्लेस करवाने, विंडो ग्रिल की मरम्मत करवाने सहित आवासित बालकों की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
निष्पक्षता के साथ करेंगे जांच -निष्पक्षता के साथ जांच की जा रही है और जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। पहले भी बच्चों के सम्प्रेषण गृह से भागने की घटनाएं सामने आती रहीं है। कारणों की जांच की जा रही है और बार-बार हो रहीं घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो इसके पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।
महेशचंद शर्मा आयुक्त, बाल अधिकारिता विभाग