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अब मेडिकल कॉलेज में मिलेंगी बेहतर सुविधा, मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा बाहर

locationभरतपुरPublished: Aug 12, 2020 03:55:48 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-डे-केयर कैंसर कीमोथैरेपी इकाई समेत एक दर्जन सुविधाओं का हुआ शुभारंभ-चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने किया ऑनलाइन उद्घाटन

अब मेडिकल कॉलेज में मिलेंगी बेहतर सुविधा, मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा बाहर

अब मेडिकल कॉलेज में मिलेंगी बेहतर सुविधा, मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा बाहर

भरतपुर. कैंसर व हैपेटाइटिस बी के मरीजों को अब इलाज के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। क्योंकि मेडिकल कॉलेज में ही ऐसी एक दर्जन से अधिक सुविधाओं का शुभारंभ बुधवार को किया गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने इन सुविधाओं का ऑनलाइन उद्घाटन किया। उन्होंने चिकित्साकर्मियों से कहा कि वे पूर्ण संवेदनशीलता से कार्य कर गरीब रोगियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराएं। सरकार भरतपुर के चिकित्सालय को अति आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण कर संभाग का सर्वश्रेष्ठ चिकित्सालय बनाने का निरंतर प्रयास कर रही है ताकि यहां के कम से कम रोगियों को जयपुर या अन्य स्थानों के लिए रैफर किया जाए। डॉ. गर्ग ने आरबीएम चिकित्सालय में 88 लाख 46 हजार रुपए की लागत विकसित की गई अति विशिष्ट चिकित्सा सेवाओं एवं आधुनिक मशीनों के ऑनलाइन लोकार्पण के बाद अन्य समस्याओं के बारे में भी विस्तार से बात की।
कार्यक्रम में मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि भरतपुर मेडिकल कॉलेज सहित राज्य के मेडिकल कॉलेजों को द्वितीय चरण के लिए मुख्यमंत्री ने 800 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इस राशि से भरतपुर मेडिकल कॉलेज में अन्य उच्च स्तरीय उपचार की सुविधाएं विकसित होंगी। उन्होंने जिला कलक्टर एवं मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को निर्देश दिए कि मेडिकल कॉलेज के पास बनने वाले ट्रॉमा सेंटर के निर्माण के कार्य को शीघ्र प्रारंभ कराएं। चिकित्सा राज्य मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी की रोकथाम में चिकित्साकर्मियों एवं विभिन्न विभागों के कार्मिकों ने मिलकर जो उत्कृष्ट कार्य किया जिसका परिणाम है कि आज राजस्थान मॉडल ने पूरे देश में अपनी पहचान कायम की है। उन्होंने कहा कि भरतपुर के चिकित्सालय में सभी प्रकार के मरीजों के उपचार के लिए आवश्यक सुविधाएं एवं मशीनों की उपलब्धता के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों के परिणाम स्वरूप सभी विभागों में आवश्यक उपकरण व मशीन मुहैया कराई जा चुकी हैं। चिकित्सा राज्यमंत्री ने बताया कि भरतपुर के जिला अस्पताल में आधुनिक उपकरण एवं बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए उन्होंने विधायक निधि से दो करोड़ 25 लाख एवं राज्य सरकार से 73 लाख रुपए मुहैया कराए हैं चूकिं भरतपुर जिला अस्पताल में पूरे जिले के रोगियों का इलाज होता है। ऐसी स्थिति में जिले के सभी विधायकों से विधायक निधि से चिकित्सालय के लिए आवश्यक राशि मुहैया कराने के लिए पत्र भी लिखे गए। इसके परिणामस्वरूप कुछ विधायकों ने राशि मुहैया कराने की अनुशंसा भी की है। उन्होंने कहा कि भरतपुर शहर से वर्षा जल एवं गंदे पानी की निकासी के लिए विशेष सर्वे कराया जा रहा है। इसके बाद कार्ययोजना तैयार कर इसे पूरा कराया जाएगा। इसके अलावा शहर सौन्दर्यकरण एवं रोजगार संबंधित योजनाओं पर भी शीघ्र कार्य आरंभ किया जाएगा। लोकार्पण के अवसर पर संभागीय आयुक्त प्रेमचन्द बेरवाल, जिला कलक्टर नथमल डिडेल, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य व नियंत्रक कर्नल रजत दिवाकर, अति. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ असित श्रीवास्तव, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी नवदीप सैनी आदि उपस्थित थे।
जानिए किस सुविधा का क्या लाभ मिलेगा

नॉन कोविड गहन चिकित्सा इकाई: नए ब्लॉक में आईसीयू बनाया गया है। इसमें गंभीर रोगियों का इलाज किया जा सकेगा। 18 वेंटिलेटर लगाए गए हैं। पांच शुरू कर दिए हैं। 20 बैड है। ब्लॉक प्रथम की दूसरी मंजिल को आईसीयू बनाया गया है।
मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम: ब्लॉक प्रथम में ऑपरेशन थियेटर है, आईसीयू भी है, इन सभी को ऑक्सीजन की सप्लाई की व्यवस्था की गई। इसमें सिलेंडर हर मरीज के पास लगाने की जरुरत नहीं रहेगी।
तीन डायलसिस मशीनें: मरीजों की संख्या बढऩे के कारण तीन मशीन विधायक कोटे से आ गई थी। तीन और अब आ गई है। हेपेटाइटस बी और सी, एचआइवी, कोविड मरीजों के लिए अलग से इस मशीन की जरुरत होती है। यह इन मरीजों के काम आएगी।
डे-केयर कैंसर किमोथैरेपी इकाई: एसएमएस रेडिएशन अंकोलोजिस्ट ज्वॉइन कर चुके हैं। कैंसर मरीजों की किमोथैरेपी की जा सकेगी। अलग से इकाई बना दी गई है।

नॉन-कोविड उच्च निर्भरता इकाई(एचडीयू): किसी मरीज को सिर्फ ऑक्सीजन की आवश्यकता है तो एचडीयू काम आता है। उस काम के लिए नॉन वेंटिलेटर 30 बैड का भवन अलग से रिजर्व कर बनाया गया है।
कोविड मरीज एक्जामिनेशन चेंबर: कोविड एरिया में बनाया गया है। मरीज के सभी जांच के लिए एक अलग से रूम बनाया गया है। यह आधुनिक मशीनों से लैस है।

500 एमए डिजिटल एक्स-रे मशीन: डिटिलशन एक्स-रे नई तकनीक पर आधारित है। इससे बेहतर परिणाम आ सकेगा। बाहर जाकर एक्स-रे कराने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
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