दो व्यक्ति मोरी चार बाग मोहल्ले में पहुंचे। जहां हर घर में प्रत्येक मतदाता पहचान पत्र के हिसाब से 30-30 रुपए वसूल करने लगे। इसमें लोगों को झांसा दिया जा रहा था कि प्रत्येक रसीद काटने पर संबंधित के खाते में 15 हजार रुपए आएंगे। कुछ दिन में एक-एक बाल्टी दी जाएगी। जबकि एक कागज पर मकान नंबर व स्वच्छता के संबंधित नारे लिखी प्लेट लगा रहे थे। दो दर्जन से अधिक मकानों से राशि वसूलने के बाद मौके पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। लोगों की शिकायत पर पार्षद राघवेंद्र सिंह समेत अन्य लोगों ने दोनों कर्मचारियों को पकड़ लिया। काफी देर तक पूछताछ करने पर भी वह नहीं बोले तो मथुरा गेट थाना पुलिस को सूचना दी गई। लेकिन पुलिस के आने से पहले ही दोनों कर्मचारियों ने बता दिया कि वह पिछले कुछ दिन से शहर के हर वार्ड में जाकर स्वच्छता मिशन के नाम पर राशि उगाह रहे हैं। इसके लिए किसी भी नगरीय निकाय की ओर से उनको कोई अनुबंध नहीं किया गया है।
सूचना पाकर मौके पर पहुंची मथुरा गेट थाना पुलिस ने दोनों कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया। जहां देर रात तक उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हो सका। हालांकि इस मामले की शिकायत जिला कलक्टर संदेश नायक तक पहुंची तो उन्होंने नगर निगम आयुक्त डॉ. राजेश गोयल को प्रकरण की जांच करने के आदेश दिए। आयुक्त ने ऐसे किसी अनुबंध से इन्कार कर दिया है।
योजना के नाम पर गांवों में नबंर प्लेट लगाने के लिए हर घर से खुलेआम 30-30 रुपए की अवैध वसूली हो रही है। हाल में ही गांव सोगर में ऐसी ही कुछ युवकों को पकड़ कर ग्रामीणों ने उद्योगनगर थाना पुलिस को भी सौंपा था। जो कि स्वच्छता का सर्वे करने के नाम पर राशि वसूल कर रहे थे। इससे पूर्व भी शहर के कई वार्डों में स्वच्छता की प्लेट लगाने के नाम पर बाल्टी व अन्य सामान देकर राशि वसूलने का मामला सामने आ चुका है।