इसे लेकर फरवरी में लक्ष्य निर्धारित होने के साथ पौधों को बनाने का कार्य शुरू हो जाता है। जिले वासियों की मांग पर उन्हें पौधों का वितरण किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग छायादार व फलदार और शहरी क्षेत्र के लोग फूलदार व शोपीस पौधों की मांग करते हैं।
लक्ष्य मिलते ही विभाग अपनी नर्सरी में 60 हजार पौधे स्टेट प्लान और 25 हजार पौधे कैम्पा योजना में तैयार करा रहा है। वहीं 33 हजार 500 पौधे पिछले वर्ष के बचे रखे हैं। ऐसे में विभाग के पास 01 लाख 8 हजार 500 पौधों के वितरण का लक्ष्य होगा, जिससे बारिश के दिनों में हरियाली नजर आएगी।
इसके चलते विभागीय नर्सरी में नीम, अमरूद, बोतल ब्रुश, अनार, कन्नेर, कचनार, श्यामा, अमलताश, बढ़, पीपल, कदम्ब के छायादार पौधे और घरों की बगिया और पार्कों की शोभा बढ़ाने वाले मोंगरा, गुलाब, हिमेलिया, एरनाथिला, एलोविरा आदि की पौध तैयार कराई जा रही है। बारिश के दिनों में खेत-खलिहान, पार्क और घरों के बगीचों में पौधे लगा सकेंगे। पौधे भरपूर संख्या में विभिन्न किस्मों के उपलब्ध हो सकेंगे। डीएफओ वी.केतन का कहना है कि विभाग को पौधे बनाने का लक्ष्य मिला है। नर्सरी में विभिन्न किस्मों के पौधे तैयार हो रहे हैं। इनका वितरण एक जुलाई से शुरू करेंगे।