अभियांत्रिकी विभाग जिले के चार हजार की आबादी वाले 28 गांव में पाइप लाइन के जरिए नल कनेक्शनों से पानी की व्यवस्था करने की तैयारी करेगा, लेकिन इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्र में यह सुविधा वहां दी जाएगी, जहां अब तक गांवों में पाइप लाइन डाली ही नहीं गई। लेकिन इसका आधार वर्ष 2011 में हुई जनगणना से होगा, जिसमें 04 हजार की आबादी वाले गांव चिह्नित हैं। वर्तमान में जिले की जनसंख्या लगभग 25.5 लाख है। इनमें 1430 गांव शामिल हैं, जिनमें से राज्य सरकार ने फिलहाल 28 गांवों में पाइप लाइन से पानी पहुंचाने के लिए चुना है। विभाग की ओर से जल्द ही इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलते ही प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्र में यह सुविधा वहां दी जाएगी, जहां अब तक गांवों में पाइप लाइन डाली ही नहीं गई। लेकिन इसका आधार वर्ष 2011 में हुई जनगणना से होगा, जिसमें 04 हजार की आबादी वाले गांव चिह्नित हैं। वर्तमान में जिले की जनसंख्या लगभग 25.5 लाख है। इनमें 1430 गांव शामिल हैं, जिनमें से राज्य सरकार ने फिलहाल 28 गांवों में पाइप लाइन से पानी पहुंचाने के लिए चुना है। विभाग की ओर से जल्द ही इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलते ही प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जाएगी।
इसके लिए बयाना में बागरेन व कलसाड़ा, भरतपुर में पीपला, डीग में कौंरेर, पान्हौरी, परमदरा, सिनसिनी व कामां में बिलंग, शिवलाना, बोलखेड़ा, कुम्हेर में अजान, अवार, हेलक, सोगर, तालफरा, नगर में गुलपाड़ा, पहाड़ी में भौसिंगा, कठौल, सतवाड़ी, रूपवास में खानसूरजापुर, खेड़ा ठाकुर, पिचूना, कुरका आदि गांवों में पाइप लाइन डालकर नल कनेक्शन देकर पानी की आपूर्ति की स्कीम तैयार की जा रही है। गणना के अनुसार इन गांवों की आबादी चार हजार है। स्वीकृति मिली तो इन गांवों को सुविधा दी जाएगी।
जन स्वास्थ्य एंव अभियांत्रिक विभाग भरतपुर के एसई उत्तमसिंह का कहना है कि जले में चार हजार की आबादी वाले 28 गांवों को पाइप लाइन के माध्यम से जलापूर्ति के लिए जोडऩे का प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलते ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।