खुद उठाती है सामूहिक विवाह समारोह का व्यय इस शादी समारोह में लाखों रुपए खर्च आता है लेकिन शादी के इस खर्च को खुद नीतू मौसी उठाती है। किसी से कुछ भी सहायता नहीं लेती है। कोरोना गाइड लाइन की पालना करते हुए वर और वधु पक्ष की ओर से सिर्फ दो-दो परिजन बुलाए गए है। उन्होंने कहा कि उनका किन्नर परिवार साल भर शहर में घर-घर जाकर जितनी भी बधाई लेता है, उस पूरी राशि को उसी साल के अंत में गरीब बेटियों की शादी कराकर खर्च कर दिया जाता है। यहां एक ही मंडप में हिन्दू-मुस्लिम बेटियों की शादी की जाती है और यह एक गंगा यमुना की तहजीब की तरह एकता व प्रेम की मिसाल भी है। किन्नर नीतू मौसी को शहरवासियों ने नगर निगम के पार्षद का चुनाव भी लड़ाया था जहां भाजपा ने उनको टिकट भी दे दिया और वह नगर निगम के वार्ड 29 से पार्षद रह चुकी है।