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भरतपुर

जेल की दीवारें नहीं रोक पाई गैंगस्टर का नेटवर्क

चुरू जिले के राजगढ़ में हुए हत्या के मामले के बाद से गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई एक बार फिर से सुर्खियों में बना हुआ है।

भरतपुरMay 27, 2020 / 11:07 am

rohit sharma

जेल की दीवारें नहीं रोक पाई गैंगस्टर का नेटवर्क

जेल की दीवारें नहीं रोक पाई गैंगस्टर का नेटवर्क

भरतपुर. चुरू जिले के राजगढ़ में हुए हत्या के मामले के बाद से गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई एक बार फिर से सुर्खियों में बना हुआ है। यहां केन्द्रीय कारागार सेवर में गैंगस्टर के पास से मिले मोबाइल व सिमकार्ड से साबित हो गया कि लॉरेंस के लिए जेल की सलाखें दिखावटी साबित हो रही हैं। वह जेल के अंदर से ही गिरोह को ऑपरेट कर वारदातों का अंजाम दे रहा है। इससे पहले जोधपुर में दो जनों की हत्या की सुपारी लेने के मामले में जोधपुर पुलिस उसे प्रोडक्शन रिमाण्ड पर लेकर आई। लेकिन जोधपुर में भी मोबाइल के जरिए वसूली का खेल जारी रहा। इससे परेशान हो जेल प्रशासन ने उसे राजस्थान की काले पानी की सजा मानी जाने वाली अमजेर की हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट कर दिया। यहां भी कुछ दिन में आराम से रहने लगा। इसके बाद उसे भरतपुर केन्द्रीय कारागार में शिफ्ट कर दिया लेकिन यहां भी खास फर्क नहीं पड़ा और लॉरेंस ने जेल में से ही गिरोह का संचालन जारी रखा। सेवर जेल में इस समय लॉरेंस का दबदबा है।

भरतपुर में गैंगस्टर पर पहला मुकदमा दर्ज

अभी तक लॉरेंस विश्नोई पर भरतपुर में एक ही मुकदमा नहीं था। चुरू जिले में हुई हत्या के बाद सेवर जेल में गैंगस्टर की आकस्मिक जांच में दो मोबाइल सेट समेत अन्य सामान मिलने पर उसके खिलाफ जिले में पहला मुकदमा सेवर थाने में दर्ज किया गया। इससे पहले उसके खिलाफ प्रदेश में केवल जोधपुर में मामले दर्ज थे। खास बात ये है कि लॉरेंस पर हत्या, लूट, रंगदारी, धमकी, जान से मारने का प्रयास समेत करीब 50 मुकदमे मुकदमे पंजाब व हरियाणा में दर्ज हैं। हालांकि, कई में वह बरी हो चुका है। प्रदेश में सबसे चर्चित मुकदमा फिल्म अभिनेता सलमान खान को जान से मारने की धमकी देना है। इसके बाद लॉरेंस को लेकर खासी सतर्क हो गई है।

कस्टडी में भी रखने से बचती है पंजाब पुलिस

लॉरेंस के दूसरे गिरोहों से टकराव के चलते पंजाब पुलिस अपने ही मुकदमों में उसे कस्टडी में रखने से आनाकानी करती है। सेवर जेल से एक माह में उसकी करीब दो से तीन पेशी पंजाब में होती हैं। भरतपुर से उसे पंजाब पेशी पर ले जाने पर कभी-कभी सुरक्षा कारणो से जेल में रखने से पंजाब पुलिस मना कर देती है। एक बार भरतपुर चालानी गार्ड को रातभर थाने के बाहर गैंगस्टर को गाड़ी में लेकर खड़ा रहा। इस घटना के बाद दूसरी पेशी में प्रदेश के एडीजी जेल ने पंजाब के अधिकारियों से बात करनी पड़ी थी।

जेल में मिल रही सुविधाएं

ेजेल में होने के बाद भी गैंगस्टर का रूतबा बरकरार है। जेल में उसे अतिरिक्त सुविधाएं मिल रही हैं। उसकी सेल से मिले मोबाइल फोन इसकी ओर से साफ इशारा करते हैं। स्थानीय पुलिस अधिकारी भी मनाते हैं कि वह जेल से आराम से गैंग चला रहा है। सूत्रों के अनुसार गैंगस्टर से मिलने आने वाले लोगों के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। इससे पहले अजमेर जेल से भी वर्ष 2017 में गैंगस्टर की सेल की जांच में मोबाइल, सिमकार्ड बरामद हो चुके हैं।

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