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भरतपुर

भरतपुर में कचरा संग्रहण शुल्क लागू करने पर बजा विरोध का बिगुल

-शहर में यूडी टैक्स के बाद कचरा शुल्क बन रहा मुद्दा, पार्षदों में विरोध के स्वर मुखर
-दो साल पहले नगर निगम की बैठक में भाजपा-कांग्रेस, दोनों ही दलों के पार्षदों ने किया था विरोध

भरतपुरNov 07, 2024 / 07:54 pm

Meghshyam Parashar

कभी सफाई कंपनी तो कभी यूडी टैक्स को लेकर विवादों से घिरी शहरी सरकार अब कचरा संग्रहण शुल्क वसूली को लेकर पार्षदों के निशाने पर है। क्योंकि आगामी कुछ माह के अंदर नगर निगम के 65 वार्डों में पार्षद व मेयर, डिप्टी मेयर के चुनाव होने हैं। ऐसे में अचानक कचरा संग्रहण शुल्क लागू करने से वार्डों में पार्षदों की खिलाफत भी शुरू हो गई है। ऐसे में वर्तमान पार्षदों को भविष्य की चिंता सता रही है तो उन्होंने नगर निगम प्रशासन ऐसे समय में कचरा संग्रहण शुल्क लागू करने पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चूंकि यूडी टैक्स को लेकर पहले से ही शहर में विरोध हो रहा है।
बताते हैं कि नगर निगम की ओर से 13 फरवरी 2022 को वित्तीय वर्ष 2023-24 की बजट बैठक में डोर टू डोर कचरा संग्रहण शुल्क वसूल करने का प्रस्ताव रखा था। नियम के तहत यह नगर निगम प्रशासन की ओर से मुख्यालय को भेजकर स्वीकृति लेकर लागू करना था, लेकिन कांग्रेस के बोर्ड ने विरोध की आशंका को देखते हुए बोर्ड बैठक में इसकी जानकारी दी थी। उस समय 40 से भी अधिक कांग्रेस व भाजपा के पार्षदों ने कचरा संग्रहण शुल्क को लागू करने का विरोध किया था। इस कारण यह लागू नहीं हो सका। अब अचानक कचरा संग्रहण शुल्क लागू कर दिया गया है। पार्षदों का तर्क है कि सफाई कंपनी की ओर से सफाई व्यवस्था तो अच्छी तरह से की नहीं जा रही है। साथ ही किसी भी वार्ड में डोर टू डोर कचरा संग्रहण की योजना भी अच्छी तरह से लागू नहीं है।
700-800 मकानों पर सिर्फ एक ऑटो टिपर

पार्षद दाऊदयाल शर्मा ने बताया कि असल में डोर टू डोर कचरा संग्रहण की योजना के सफल नहीं होने के पीछे बड़ा कारण यह भी है कि अक्सर प्रत्येक छोटी-बड़ी कॉलोनी में 600 से 800 मकान हैं। ऐसे में उन सभी मकानों का कचरा कलेक्शन के लिए एक ऑटो टिपर है। इस तरह 65 वार्डों के लिए 65 ऑटो टिपर है। ऐसे में एक भी कॉलोनी ऐसी नहीं है, जहां किसी ना किसी जगह कचरे का ढेर नहीं है। इसलिए कचरा संग्रहण शुल्क को लागू करना जनता के हितों पर कुठाराघात से कम नहीं है।
फैक्ट फाइल
-55 हजार आवासीय व व्यावसायिक परिसर
-11 हजार व्यावसायिक
-44 हजार आवासीय

80 रुपए से पांच हजार रुपए तक शुल्क निर्धारित

300 वर्गमीटर आवासीय मकान के 80 रुपए प्रतिमाह, 300 वर्गमीटर से बड़े मकान पर 150 रुपए प्रतिमाह, छोटी दुकान 250 रुपए, छात्रावास एक हजार रुपए प्रतिमाह, रेस्टोरेंट एक हजार रुपए प्रतिमाह, होटल व रेस्टोरेंट 1500 रुपए, व्यावसायिक कोचिंग, स्कूल, बैंक, बीमा ऑफिस 700 रुपए प्रतिमाह, निजी स्कूल एक हजार रुपए प्रतिमाह, निजी कोचिंग संस्थान 5 हजार रुपए प्रतिमाह, क्लीनिकल एक हजार रुपए, क्लीनिक, डिस्पेंसरी 50 बेड तक 2000, क्लीनिक, डिस्पेंसरी 50 से अधिक 4000, इंडस्ट्रीज, वर्कशॉप 750 रुपए प्रतिमाह, मैरिज होम दो हजार रुपए प्रतिमाह, तीन हजार रुपए वर्गमीटर से अधिक पर दो हजार रुपए प्रतिमाह, इससे अधिक पर पांच हजार रुपए प्रतिमाह शुल्क लिया जाएगा।
इधर, पैनल्टी की बात…और खानापूर्ति का खेल

नगर निगम की ओर से 28 अक्टूबर को सफाई कंपनी की शिकायत आने पर उनका वर्गीकरण कर पैनल्टी निर्धारित की थी, लेकिन असल में इन शिकायतों के निस्तारण व बकाया का, कोई लेखा-जोखा ही नहीं है। पत्रिका ने पड़ताल की तो सामने आया कि 176 शिकायत आईं, लेकिन अभी तक कितनी शिकायतों का निस्तारण हुआ है और कितनी शिकायतों का निस्तारण बाकी है। यह बताने के लिए कोई तैयार नहीं था। एक नवंबर को संबंधित सीट पर नया कर्मचारी लगा दिया गया। जबकि आयुक्त का कहना था कि बिल आने के बाद पैनल्टी लगाई जाएगी।
ये सब मेयर की साजिश
2022 की जिस बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था, हमने उस समय भी भाजपा के सभी पार्षदों के साथ विरोध किया था, लेकिन कांग्रेस के मेयर ने मंत्री के दबाव के साथ काम करते हुए आयुक्त पर दबाव बनाया। यह फाइल चलवा दी। जब इतनी रकम में सफाई कंपनी कचरा संग्रहण कर रही है तो व्यर्थ में जनता पर बोझ डालना उचित नहीं है। हमारा बोर्ड आने पर इन सभी समस्याओं को खत्म कराया जाएगा।
रूपेंद्र सिंह, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम

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