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भरतपुर

शहादत से दो दिन पहले घर से निकला था जीतराम, चार माह की बेटी को पहली बार लिया था गोद में

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भरतपुरFeb 16, 2019 / 11:52 am

Nidhi Mishra

Pulwama attack: martyr Jeetram met 6 months old daughter for 1st time

Pulwama attack: martyr Jeetram met 6 months old daughter for 1st time

भरतपुर/नगर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा pulwama attack 2019 में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में नगर थाना क्षेत्र के गांव सुन्दरावली निवासी जवान जीतराम पुत्र राधेश्याम गुर्जर शहीद हो गया। जीतराम 92 बटालियन में कांस्टेबल के पद पर तैनात था। शहीद की चार माह की बेटी है, जिसे उसने इस बार की 45 दिन की छुट्टी में आकर पहली बार देखा था।
बता दें कि कांस्टेबल जीतराम की शहादत की खबर न तो बूढ़े माता-पिता को थी और न ही पत्नी व दोनों बेटियों को। परिवार में चाचा व भाई ही हैं जो पूरे गम को सीने में दबाए पार्थिव देह के आने का इंतजार कर रहे थे।
शुक्रवार सुबह पत्रिका संवाददाता शहीद के गांव सुन्दरावली पहुंचा, तो यहां गांव के बाहर ही सरपंच देवहरि गुर्जर के घर पर करीब बीस लोग बैठे दिखे, जिन्होंने संवाददाता को गांव में जाने से रोक लिया।
सरपंच और ग्रामीणों ने बताया कि अभी तक माता-पिता, पत्नी व परिजनों को जीतराम के शहीद होने की सूचना नहीं है। सरपंच ने बताया कि शहीद की पार्थिव देह देर रात तक आने की सम्भावना है। ऐसे में कोशिश की जा रही है कि पार्थिव देह आने तक परिजनों को शहादत की खबर न दी जाए।
दो दिन पहले ही छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर गया था
शहीद के चाचा पूरन सिंह ने बताया कि जीतराम गुर्जर 12 फरवरी को ही एक माह की छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर गया था। गांव में जीतराम के शहीद होने की सूचना से सन्नाटा पसरा हुआ है। जीतराम अपने चार भाई-बहनों में से दूसरे नम्बर का था। जीतराम के परिवार में पत्नी सुंदरी व दो बेटियां (एक चार माह की व दूसरी डेढ़ साल की), माता-पिता व तीन भाई-बहन हैं।

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