सुजानगंगा व सीएफसीडी पर नहीं ध्यान, व्यापारियों को परेशान करना ही मकसद
-जिला व्यापार महासंघ की बैठक में बोले पदाधिकारी
-फायर सेफ्टी के नाम पर व्यावसायिक भवनों को सीज करने का मामला

भरतपुर. नगर निगम की ओर से फायर सेफ्टी का हवाला देकर व्यावसायिक भवनों को सीज करने को लेकर अब विवाद उपजने लगा है। जिला व्यापार महासंघ ने भी शनिवार को आरोप लगाया है कि नगर निगम की ओर से शहर के विकास के साथ-साथ सबसे बड़ी समस्या सीएफसीडी व सुजानगंगा नहर पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सिर्फ व्यापारियों को परेशान करने व चौथ वसूली के लिए नए-नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।
जिला व्यापार महासंघ की बैठक जिलाध्यक्ष संजीव गुप्ता की अध्यक्षता में हुई। सभा में वक्ताओं ने कहा कि नगर निगम व फायर सेफ्टी विभाग की ओर से व्यापारियों के साथ की जा रही अनैतिक कार्यवाही का पुरजोर विरोध किया जाएगा। निगम की कार्यवाही करने वाले कर्मचारियों का घेराव भी किया जाएगा। क्योंकि आज तक हाईकोर्ट का डर दिखाकर सुजानगंगा नहर के नाम पर व्यापारियों का उत्पीडऩ, सीएफसीडी व सीवरेज के नाम पर भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा नगर निगम व्यापारियों को परेशान कर चौथ वसूली का सिस्टम अपनाना चाहता है, चूंकि जब-जब हाईकोर्ट की तारीख सुजान गंगा पर होती थी, तब-तब नगर निगम फुटपाथ हटाओ अभियान चलाता था। इसमें विरोध के फोटो खींचकर हाईकोर्ट से तारीख ले लिया करता था और सुजानगंगा के पूरे फंड को कागजों में खा लिया गया। इस भ्रष्टाचार के चलते ही इतिहास में पहला केस है जहां कीचड़ तोल कर निकाली गई। वक्ताओं ने कहा कि फायर सेफ्टी आवश्यक है तो क्या सरकार फायर सेफ्टी करने के बाद भी व्यापारी की दुकान में आग लगने पर दुकानदार को उसके पूरे नुकसान का मुआवजा देगी। साथ ही वक्ताओं ने बोला कि फायर सेफ्टी के नाम पर सिर्फ भरतपुर में ही कार्यवाही क्यों, जबकि जयपुर व अन्य शहरों में ये कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही और सरकारी कार्यालयों, सरकारी स्कूल, सरकारी कालेजों में व अन्य सरकारी संस्थाओं पर फायर सेफ्टी के निगम लागू क्यों नहीं होते। पहले इन जगहों पर फायर सेफ्टी के मापदंड पूरे करें इसके बाद बाजार में शुरुआत करें।
राज्यमंत्री से मुलाकात करेगा प्रतिनिधिमंडल
सभा में वक्ताओं ने यह भी कहा कि फायर सेफ्टी के क्या नियम हैं और उसके लिए क्या-क्या खानापर्ति पूरी करनी है साथ ही हाइकोर्ट की ओर से क्या दिशा निर्देश दिए गए हैं सभी प्रकाशित कराए जाएं। सभा में विशेषरूप से गिरधारी तिवारी के साथ-सभी व्यापारिक संगठनों के अध्यक्ष, मंत्री व समस्त कार्यकारिणी के लोग भी शामिल हुए। बैठक में एक संघर्ष समिति का गठन किया गया। साथ ही एक 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। यह कमेटी सभी सरकारी कार्यालयों की जांच करेगी कि उनके पास फायर सेफ्टी के सिस्टम हैं कि नहीं और उसकी सूची बनाकर हाईकोर्ट को दी जाएगी। साथ ही चिकित्सा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग से व्यापार संघ का एक प्रतिनिधि मण्डल मिलेगा।
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