– खाकी खामोश, अब सांसद भी नहीं मुखर, जिले की जनता के सामने पिछले काफी समय से सांसद पर हमले की घटना राज बनी हुई है। सांसद पर हुए दोनों हमले पहेली बनकर रह गए हैं। पुलिस दबी जुबान में कोई साक्ष्य नहीं मिलने की बात तो कहती है, लेकिन खुलासा करने से कतराती है। खैर सांसद भी अब खुद पर हुए दोनों हमलों को भूल सी गई हैं, लेकिन जनता के सामने यह दोनों ही हमले बड़ी पहेली हैं, जिनका न सुलझना कई सवाल खड़ा कर रहा है।
…किसी पहेली से कम नहीं भरतपुर सांसद पर हुए दो हमले!
भरतपुर . सांसद पर हुए हमलों ने जहां लोगों को हैरान किया। वहीं यह सियासत में खूब सुर्खियां भी बटोरते नजर आए। इन हमलों की जांच अभी भी झूला झूल रही है, लेकिन यह हमले पुलिस के लिए अब तक पहेली ही बने हुए हैं। वाई श्रेणी की सुरक्षा ने सांसद के रुतबे में चार-चांद तो लगा दिए, लेकिन खुद कोली भी इस मामले में अब मुखर नजर नहीं आ रहीं। यही वजह है कि अभी तक यह हमले ‘संदेहÓ के घेरे में हैं। पुलिस के साथ सांसद की खामोशी ने भी इसे अनसुलझा बना दिया है। सांसद रंजीता कोली पर दो बार हुए हमलों के बाद आईबी की रिपोर्ट के आधार पर केन्द्र सरकार की ओर से उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई है। साथ ही हमले में बयाना प्रकरण की जांच पुलिस से हटाकर एसओजी को सौंप दी थी, लेकिन टीम की खासी मशक्कत के बाद भी इसमें कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा। तत्कालीन एसओजी एसपी मनीष त्रिपाठी ने खुद घटना स्थल का जायजा लिया था, लेकिन अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं। सांसद पर हुए हमलों ने यूं तो प्रदेश से लेकर देश तक खूब सुर्खियां बटोरीं, लेकिन अब इस मुद्दे पर ‘खामोशीÓ लोगों को खल रही है। सवालिया निशान पुलिस की जांच पर हैं तो खुद सांसद की चुप्पी भी पहेली से कम नहीं है। जिला स्तर पर पुलिस जांच के साथ मामला जनप्रतिनिधि से जुड़ा होने के कारण एसओजी तक पहुंचा, लेकिन नतीजा अब तक सिफर ही है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि अब तक सांसद रंजीता कोली पर हमला करने वाले पकड़ से दूर कैसे हैं। सवाल यह भी है कि यदि सांसद पर हमला करने वाले पकड़ में नहीं आ सकते तो आमजन का क्या होगा?
गार्ड भी नहीं दे सका था जानकारी पुलिस पूछताछ के दौरान सांसद कोली का गार्ड भी पूरी जानकारी नहीं दे सका था। घटना के वक्त मौके पर पहुंचे तत्कालीन एसपी गार्ड को अपने साथ ले गए और उससे घटना की जानकारी ली, लेकिन गार्ड रात में हुई घटना की पूरी जानकारी नहीं दे सका। गार्ड हमलावरों की गाड़ी के नंबर भी नहीं बता सका था। हालांकि गार्ड ने गाड़ी तिरछी खड़ी होने के कारण नंबर नहीं देख पाया बताया था। खास बात यह है कि पुलिस को यहां न तो गाड़ी के टूटे कांच का कोई टुकड़ा मिला और न ही किसी ग्रामीण ने घटना के बारे में जानकारी दी।
पीए ने तहरीर में यह दी थी जानकारी सांसद के पीए दीपक ने सांसद पर हुए हमले के मामले में तहरीर दी थी। इसमें बताया था कि घटना 27 मई की रात्रि करीब 11.55 बजे हुई, जब वह आरबीएम अस्पताल से लौट रही थीं। तहरीर में बताया था कि सांसद भरतपुर से वाया हंतरा होते हुए वैर सीएचसी का निरीक्षण करने जा रही थीं। गाड़ी दीपक चला रहा था। धरसोनी गांव से आगे वैर रोड पर पहले से खड़ी एक सफेद रंग की स्कार्पियो गाड़ी में सवार पांच-छह अज्ञात जनों ने सांसद की गाड़ी को रोकने का प्रयास किया। गाड़ी नहीं रोकी तो धरसोनी गांव की ओर वापस घुमाया तो बदमाशों ने गाड़ी पर पत्थर व सरिया से हमला किया। इससे गाड़ी का पीछे का शीशा टूट गया। यहां शेर सिंह जाट मिला, जिसने थाने पर घटना की सूचना दी।
दो बार हुआ सांसद पर हमला– सांसद कोली पर पहला हमला 27 मई 2021 की रात करीब 12 बजे हलैना थाना क्षेत्र में वैर रोड पर हुआ था। इसमें उनकी कार पर अज्ञात जनों ने पत्थर फेंके, जिसमें उनकी गाड़ी का शीशा टूट गया, जबकि हमलावर एक गाड़ी से भाग निकले।
– सांसद कोली पर दूसरा हमला 10 नवम्बर 2021 की रात उनके बयाना स्थित घर पर हुआ। हमले में उन्होंने बाहर फायरिंग होने की बात कही, जिसे एसओजी ने अपनी जांच-पड़ताल में खारिज सिरे से खारिज कर दिया। इसमें उनके आवास पर धमकी भरा पत्र व चला हुआ कारतूस मिला था।
इनका कहना है -ऐसा नहीं है कि सिक्योरिटी मिलने के बाद मैं चुप हो गई हूं। हमलावरों की गिरफ्तारी को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसको लेकर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। उन्हें बताया गया कि राजस्थान सरकार ने एसओजी को जांच दे दी, इसके बाद भी हमलावरों की पहचान नहीं होना गलत है। हाल ही में एसओजी से भी इस संबंध में बात कर हमलावरों को गिरफ्तार की बात कही है, लेकिन एसओजी ने कड़ी नहीं जुडऩे की बात कही है। एसओजी से इस मामले में निष्पक्षता से जांच कर हमलावरों का खुलासा करने की मांग की है। – रंजीता कोली, सांसद भरतपुर
-सांसद पर हमले के आरोपियों की पहचान और उनकी गिरफ्तारी के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। – प्रसन्न कुमार, आईजी भरतपुर