उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के दस साल के शासन में रक्षा सौदों पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। बिड़ला ने कहा कि पूर्व में हुए रक्षा सौदों की जांच चल रही है, साबित हो जाएगा कौन देश को झूठी व मनंगठत बातें कर बरगला रहा है। मोदी सरकार के साढ़े चार साल में प्रत्येक रक्षा सौदों की प्रक्रिया पारदर्शी, निष्पक्ष और जवाबदेही के साथ हुई हंै। कांग्रेस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में राफेल खरीद और पार्टनर के विषय पर लगाई याचिकाओं को सिरे से खारिज कर दिया है।
बिड़ला ने कहा कि मोदी सरकार देश की सेना को आधुनिक बनाने का काम कर रही है। जिससे पड़ोसी देशों की सेना से मुकाबला किया जा सके। विपक्षी दल की ओर से इस तरह के आरोप सेना के मनोबल को गिराने का काम करती है। उन्होंने कहा कि राफेल खरीद पर कांग्रेस शासन में वर्ष 2007 से 2014 तक प्रक्रिया चली लेकिन डील नहीं हो पाई। मोदी सरकार ने सीधे फ्रांस सरकार से वार्ता की और खरीद की। इस प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट ने भी सही बताते हुए एक भी बिन्दु पर सवाल नहीं उठाया है। ऑफसेट पार्टनर की किसी भी तरह की भूमिका साबित नहीं हुई है। बिड़ला ने कहा कि कैग रिपोर्ट ने मामले में सरकार ने कोर्ट में पुन: आवेदन कर स्थिति स्पष्ट कर दी है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश में भ्रष्टाचार को रोकने का हरसंभव प्रयास किया है। कांग्रेस अगर इस पर ध्यान देती तो आज देश की यह स्थिति नहीं होती। कांग्रेस की जेपीसी मांग के सवाल पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से बड़ी इस देश में कोई जांच नहीं कर सकता है। भाजपा ने कभी कोर्ट के फैसलों पर सवाल नहीं उठाए, चाहे वो विपरीत ही क्यों नहीं आए हो। राममंदिर पर उन्होंने कहा कि मामले में कोर्ट में विचाराधीन है, जो भी निर्णय आएगा वह मान्य होगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर भी कोर्ट से 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद फैसला सुनाने की मांग कर रही है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह राजावत, पूर्व जिलाध्यक्ष सत्येन्द्र गोयल, गिरधारीलाल गुप्ता, प्रवक्ता अशोक सिंघल, जिला महामंत्री भगवानदास शर्मा, लोकसभा प्रभारी हजारी सिंह, अनुराग गर्ग, आदि मौजूद थे।