इन कोच में टीटीई नहीं होता है, जिससे बीमार मरीज को ट्रेन के दूसरे स्टेशन पर रुकने का इतंजार करना पड़ता है। इस एन्ड्रायड ‘एप’ का गुरुवार को पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर जोन के महाप्रबंधक गिरीश पिल्लई ने यहां भरतपुर स्वास्थ्य केन्द्र इकाई पर आयोजित प्रदर्शनी में शुभारंभ किया। मण्डल चिकित्साधिकारी डॉ.सतीश मित्तल ने बताया कि एप को जयपुर जीईआरसी फाउण्डेशन कॉलेज के छात्र सुमित मित्तल, पंकज माहेश्वरी व दीक्षा ने तैयार किया है। भारतीय रेलवे में चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने के लिए इस तरह का यह पहला ‘एप’ है।
यूं काम करेगा ‘एप’
यात्री को प्ले स्टोर से पहले ‘रेल हैल्थ कोटा’ एप डाउनलोड करना होगा। एप में इमरजेंसी बटन क्लिक करना होगा। उसके बाद नेक्स्ट पेज पर कोटा कंट्रोल नम्बर के डायल पैड कॉल जाएगी। जिस पर संबंधित अधिकारी कॉल रिसीव करेगा और मरीज से समस्या पूछेगा। उसके बाद दूसरे स्टेशन पर उसे मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। अभी इस एप से केवल कोटा मण्डल से गुजरने वाले यात्री ही लाभ उठा सकेंगे।
यात्री को प्ले स्टोर से पहले ‘रेल हैल्थ कोटा’ एप डाउनलोड करना होगा। एप में इमरजेंसी बटन क्लिक करना होगा। उसके बाद नेक्स्ट पेज पर कोटा कंट्रोल नम्बर के डायल पैड कॉल जाएगी। जिस पर संबंधित अधिकारी कॉल रिसीव करेगा और मरीज से समस्या पूछेगा। उसके बाद दूसरे स्टेशन पर उसे मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। अभी इस एप से केवल कोटा मण्डल से गुजरने वाले यात्री ही लाभ उठा सकेंगे।
सफल रहने पर जोन में होगी शुरुआत
डॉ.सतीश मित्तल ने बताया कि ‘रेल हैल्थ कोटा’ एप के सफल होने पर इसको जबलपुर जोन के भोपाल व जबलपुर रेल मण्डल में भी शुरू किया जाएगा। साथ ही भविष्य में एप में सुधार कर उसमें पीएनआर, टिकट नम्बर व क्लास का भी ऑप्शन दिया जाएगा, जिससे यात्री मैसेज भी भेज सकेगा।
डॉ.सतीश मित्तल ने बताया कि ‘रेल हैल्थ कोटा’ एप के सफल होने पर इसको जबलपुर जोन के भोपाल व जबलपुर रेल मण्डल में भी शुरू किया जाएगा। साथ ही भविष्य में एप में सुधार कर उसमें पीएनआर, टिकट नम्बर व क्लास का भी ऑप्शन दिया जाएगा, जिससे यात्री मैसेज भी भेज सकेगा।