पिछले साल से 40 फीसदी ज्यादा बारिश जिले में 257 एमएम और भरतपुर शहर में 58 एमएम दर्ज किया गया। अनुमानन गत वर्ष जून, जुलाई और अगस्त के महीनों में 3889 एमएम यानि 153.11 इंच बारिश रिकॉड की गई थी। वहीं वर्ष 2018 में इन महीनों में अब तक 6527 एमएम यानि 256.96 इंच बारिश दर्ज की गई। यह पिछले वर्ष से 40 फीसदी अधिक है।
गत वर्ष जून में 795 एमएम, जुलाई में 2080 और अगस्त में 1014 एमएम बारिश हुई, जबकि इस वर्ष जून में 1193 एमएम, जुलाई में 3358 व अगस्त में अब तक 1970.5 एमएम बारिश दर्ज की गई। यह गत वर्ष से इस वर्ष 103.85 इंच अधिक है।
गौरतलब है कि सावन में कम बारिश से खरीफ की ग्वार, बाजरा, ज्वार, तिल, कपास आदि की फसल में बुवाई अधिक पानी की जरूरत होती है। बारिश ना होने से जिले के करीब 3.90 लाख किसान चिंतित थे। किसानों ने करीब 2.15 लाख हैक्टेयर भूमि में फसल बुवाई की थी। बारिश ना होने से सार्थक परिणाम सामने की उम्मीद किसानों को नहीं थी। इन पांच दिनों में लगातार हो रही बारिश ने जहां औसत बढ़ाया।
वहीं किसानों के चेहरे खिला दिए। इसके अलावा यह बारिश आगामी रबी की फसल के लिए भी अच्छे संकेत हैं। क्योंकि, पानी से मिट्टी में मौजूद लवण घुलकर भूमि के खारे पन को दूर करेंगे। वहीं उमस और गर्मी से बेचैन लोगों को राहत दी। इससे मौसम भी सुहाना हो गया। लेकिन, सड़क, गांव व कॉलोनियों में जलभराव से लोगों की दिनचर्या प्रभावित कर दी।