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बारिश से बेबस किसान, गेहूं को 40 फीसदी नुकसान

locationभरतपुरPublished: Apr 17, 2019 09:55:13 pm

Submitted by:

pramod verma

भरतपुर. कुदरत की मार से बेबस किसान अब रोने को मजबूर है। गत दो दिन से आंधी और तेज बारिश ने खेतों में खड़ी और कटी पड़ी गेहूं की फसल को गीला कर किसानों को नुकसान के दायरे में खड़ा कर दिया है।

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भरतपुर. कुदरत की मार से बेबस किसान अब रोने को मजबूर है। गत दो दिन से आंधी और तेज बारिश ने खेतों में खड़ी और कटी पड़ी गेहूं की फसल को गीला कर किसानों को नुकसान के दायरे में खड़ा कर दिया है। ऐसे में पक कर तैयार गेहूं के भीगने से किसानों को 40 फीसदी नुकसान का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। किसान अब खेतों में भरे पानी में तैरती फसल से चिंतित है।
जिले में 3.90 लाख हैक्टेयर भूमि कृषि योग्य है, जहां 2.67 लाख किसानों का जीवन कृषि पर निर्भर है। इनमें से 02 लाख से अधिक किसानों ने 1.5 हैक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल खड़ी की है। चूंकि गेहूं की फसल पककर कट चुकी है। खेत-खलिहानों में पड़ी है। ऐसे में कुदरत की मार ने गेहूं की फसल उगाने वाले किसानों को नुकसान पहुंचाया है।

सूत्रों का कहना है कि सर्वे भी बीमा के हिसाब से किया जाएगा। क्योंकि, उन्हीं किसानों को फसल खराबे का लाभ मिलेगा जिन किसानों ने फसल का बीमा कराया है। टीम खसरा संख्या और किस किसान ने किस फसल का बीमा कराकर कितनी राशि जमा कराई है। यह भी देखा जाएगा। जिले में कुम्हेर, डेहरा व अवार, डीग, खोह, नदबई, रूपवास, बयाना, रुदावल, भुसावर, भरतपुर आदि क्षेत्रों में बारिश हुई हैं।

बारिश के पानी से गेहूं की पकी फसल भीग जाए तो नुकसान होता है। अगर फसल खेत में खड़ी में है और आंधी आए तो दाना झर जाता है। ऐसे में बारिश आने पर दाना पानी से मोटा हो जाता है। इस स्थिति में गेहूं की गुणवत्ता कम हो जाती है। यही किसान का नुकसान होता है। ऐसे में अलग-अलग क्षेत्रों में गेहूं की फसल को करीब 40 से 45 प्रतिशत नुकसान है।

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक देशराज सिंह का कहना है तो दो दिन से हो रही बारिश से गेहूं की फसल को करीब 40 फीसदी नुकसान हुआ है। गेहूं की फसल खेतों में खड़ी व कटी पड़ी है। फसल भीगने से दाना मोटा हो जाता है इससे गुणवत्ता कम हो जाती है। नुकसान तो हुआ है।
देशराज सिंह, संयुक्त निदेशक कृषि विभाग भरतपुर
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