सूत्रों का कहना है कि सर्वे भी बीमा के हिसाब से किया जाएगा। क्योंकि, उन्हीं किसानों को फसल खराबे का लाभ मिलेगा जिन किसानों ने फसल का बीमा कराया है। टीम खसरा संख्या और किस किसान ने किस फसल का बीमा कराकर कितनी राशि जमा कराई है। यह भी देखा जाएगा। जिले में कुम्हेर, डेहरा व अवार, डीग, खोह, नदबई, रूपवास, बयाना, रुदावल, भुसावर, भरतपुर आदि क्षेत्रों में बारिश हुई हैं।
बारिश के पानी से गेहूं की पकी फसल भीग जाए तो नुकसान होता है। अगर फसल खेत में खड़ी में है और आंधी आए तो दाना झर जाता है। ऐसे में बारिश आने पर दाना पानी से मोटा हो जाता है। इस स्थिति में गेहूं की गुणवत्ता कम हो जाती है। यही किसान का नुकसान होता है। ऐसे में अलग-अलग क्षेत्रों में गेहूं की फसल को करीब 40 से 45 प्रतिशत नुकसान है।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक देशराज सिंह का कहना है तो दो दिन से हो रही बारिश से गेहूं की फसल को करीब 40 फीसदी नुकसान हुआ है। गेहूं की फसल खेतों में खड़ी व कटी पड़ी है। फसल भीगने से दाना मोटा हो जाता है इससे गुणवत्ता कम हो जाती है। नुकसान तो हुआ है।
देशराज सिंह, संयुक्त निदेशक कृषि विभाग भरतपुर