भरतपुर

जिलेभर में दूसरे दिन भी बरसात, गेहूं की फसल को नुकसान

कुदरत की मार से बेबस किसान अब रोने को मजबूर है। गत दो दिन से आंधी और तेज बारिश ने खेतों में खड़ी और कटी पड़ी गेहूं की फसल को गीला कर किसानों को नुकसान के दायरे में खड़ा कर दिया है।

भरतपुरApr 17, 2019 / 10:41 pm

rohit sharma

rain

भरतपुर. कुदरत की मार से बेबस किसान अब रोने को मजबूर है। गत दो दिन से आंधी और तेज बारिश ने खेतों में खड़ी और कटी पड़ी गेहूं की फसल को गीला कर किसानों को नुकसान के दायरे में खड़ा कर दिया है। ऐसे में पक कर तैयार गेहूं के भीगने से किसानों को 40 फीसदी नुकसान का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। किसान अब खेतों में भरे पानी में तैरती फसल से चिंतित है। जिले में 3.90 लाख हैक्टेयर भूमि कृषि योग्य है, जहां 2.6 7 लाख किसानों का जीवन कृषि पर निर्भर है। इनमें से 02 लाख से अधिक किसानों ने 1.5 हैक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल खड़ी की है। चूंकि गेहूं की फसल पककर कट चुकी है। खेत-खलिहानों में पड़ी है। ऐसे में कुदरत की मार ने गेहूं की फसल उगाने वाले किसानों को नुकसान पहुंचाया है।
 

जिला कलक्टर डॉ. आरुषि अजेय मलिक ने सभी तहसीलदारों को निर्देश दिए हैं कि मंगलवार और बुधवार को जिले में आये अंधड़, तूफान तथा ओलावृष्टि से रबी की फसल को हुए नुकसान की तत्काल गिरदावरी करवा कर उन्हें पेश करें ताकि किसानों को चुनाव आयोग की अनुमति या अन्य प्रक्रिया का पालन कर मुआवजा दिया जा सके। सभी तहसीलदारों ने बुधवार शाम इस बाबत सभी पटवारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। संयुक्त निदेशक कृषि विभाग भरतपुर देशराज सिंह ने बताया कि दो दिन से हो रही बारिश से गेहूं की फसल को करीब 40 फीसदी नुकसान हुआ है। गेहूं की फसल खेतों में खड़ी व कटी पड़ी है। फसल भीगने से दाना मोटा हो जाता है इससे गुणवत्ता कम हो जाती है। नुकसान तो हुआ है।

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