कथा वाचक पं संजीव मिश्रा ने कथा में कहा, सबका सुख और सबका हित जिसके द्वारा होता है। उस विचार, चिन्तन, भावना तत्व का नाम राम है। श्रीराम तत्व को जिस क्रिया ने साकार रूप दिया, उसको भरत कहते हैं। श्रीराम भरत के प्राण हैं तो भरत राम की छाया हैं। उन्होंने कहा, संसार में सभी मनुष्यों को अपने कर्मों के आधार पर ही फल प्राप्त होता है। जिस प्रकार महाराज दशरथ ने भूलवश श्रवण कुमार का वध किया था और श्रवण कुमार के माता-पिता से जो श्राप महाराज दशरथ को मिला था उसके कारण ही महाराज दशरथ को अपने बेटों से दूर होना पड़ा था। महाराज दशरथ द्वारा किए गए कर्मों का फल उन्हें उनके बेटों से दूर होकर चुकाना पड़ा। इसीलिए कहा है कि मनुष्य को अपने जीवन सदैव अच्छे कर्म करना चाहिए। बुरे कर्मों का अंत बुरा ही होता है।
कथा में राम-भरत मिलाप की कथा में सभी भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। चित्रकूट पर भरत मिलन की लीला के दौरान कौशल्या नंदन का भ्रात प्रेम जीवंत हो उठा। राम के वनवास जाने की जानकारी होने पर ननिहाल से लौटे भरत ने अवध का राज सिंहासन स्वीकार नहीं किया। वहीं श्रीराम कथा में भजन गायक भी अपने भजनों से सभी मातृशक्तियों एवं भक्तों को थिरकाए हुए हैं। मंगलवार को व्यासपीठ का पूजन मोहन सेंगर, उदल सेंगर, गोपालसिंह ठाकुर, ओमप्रकाश जायसवाल, भोला कदम, देवेंद्र गुप्ता, कैलाश जायसवाल आदि ने किया।
आज होगा लंका दहन का प्रसंग
मंशापूर्ण हनुमान भक्त मंडल के मोहन सेंगर ने बताया, मंशापूर्ण हनुमान मंदिर पर चल रही 9 दिवसीय श्रीराम कथा 12 अप्रैल तक आयोजित की जाएगी। कथा दोपहर 2.30 से शाम 6 बजे तक होगी। बुधवार को हनुमान चरित्र, सुंदरकांड और लंका दहन का प्रसंग होगा। गुरुवार को रावण मुक्तिऔर
उपसंहार के प्रसंग आयोजित किए जाएंगे। समापन पर गुरुवार को विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा।
मंशापूर्ण हनुमान भक्त मंडल के मोहन सेंगर ने बताया, मंशापूर्ण हनुमान मंदिर पर चल रही 9 दिवसीय श्रीराम कथा 12 अप्रैल तक आयोजित की जाएगी। कथा दोपहर 2.30 से शाम 6 बजे तक होगी। बुधवार को हनुमान चरित्र, सुंदरकांड और लंका दहन का प्रसंग होगा। गुरुवार को रावण मुक्तिऔर
उपसंहार के प्रसंग आयोजित किए जाएंगे। समापन पर गुरुवार को विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा।