जिलेभर के आंकड़ों पर गौर करें तो छह माह में जिले में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या 200 पार कर गई। जो गत वर्ष के मुकाबले 18 अधिक हैं। खास बात ये है कि इन हादसों के बाद कुछ घंटे के लिए सरकारी तंत्र अफसोस जताता है और फिर वही रफ्तार का खेल शुरू हो जाता है। इन हादसों के बाद न तो यातायात पुलिस, न परिवहन विभाग और न ही प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम उठाए गए। चौकान्ने वाला तथ्य ये है कि जिले में एमबी एक्ट की कार्रवाई का ग्राफ बढऩे की बजाय नीचे लुढ़क गया। जून माह तक यातायात नियमों का उल्लंघन की चालान कार्रवाई में करीब 3 हजार की कमी आई है।
यातायात पुलिस भी कर रही अनदेखी जिले में जैसा यातायात है, उससे सभी वाकिफ हैं। अगर संभाग मुख्यालय की बात करें तो यहां के हालत भी कस्बे जैसे ही बदतर बने हुए हैं। प्वाइंटों पर यातायात कर्मी नदारद रहते हैं और प्रमुख स्थान व भीड़भाड़ वाले जगहों पर अपने हिसाब से यातायात संचालित हो रहा है। यातायात अधिकारी भी इससे नजरअंदाज हैं। शहर में तेज रफ्तार बाइक राइडर और नशे में वाहन चलाने वालों पर कोई नियंत्रण नहीं है। फर्राटा दौड़ रहे ये वाहन पैदल राहगीर और दूसरे वाहन चालकों की जान जोखिम में डाल रहे हैं।
छह माह में गिरा एमबी एक्ट का ग्राफ एमबी एक्ट में बेहतर कार्रवाई करने वाला भरतपुर जिला इस बार पिछड़ा दिख रहा है। छह माह की एमबी एक्ट कार्रवाई की तुलना की जाए, तो जून माह तक इस बार एमबी एक्ट के तहत चालान में करीब 3 हजार की कमी आई है। इस साल अभी तक 32 हजार 393 चालान ही कटे हैं जबकि गत वर्ष जून तक 35 हजार 302 चालान काटे गए थे। वहीं, वर्ष 2017 में 31 हजार 477 चालान की कार्रवाई की गई।
सुधारने के लगाए बेरीकेड्स भी हटाए गत दिनों शहर में कुछ स्थानों यातायात सुधार के लिए भीड़भाड़ वाले स्थानों पर बेरीकेड्स लगाए थे। लेकिन इसमें बिजलीघर जैसे व्यस्त चौराहे से बाद में हटा लिए। जबकि इन बेरीकेड्स ्रचौराहे पर वाहन मिस्त्री व मिष्ठान की दुकान के बगल में खड़े होने वाले वाहनों से राहत मिली और पैदल राहगीरों को सहुलियत थी। वहीं, शहर में ट्रेफिक लाइट बंद हैं, इनके सुधार के लिए कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। केवल यातायात सलाहकार समिति की बैठक अधिकारी इतिश्री कर लेते हैं। जबकि जयपुर में हाल में हुए हादसों के बाद सभी एजेंसी हरकत में आई और हादसे रोकने के लिए उपाय लागू की प्रक्रिया शुरू की गई। यहां पर यातायात नियम और सुधार को लेकर कोई ध्यान नहीं है।