डेढ़ करोड़ रुपए का अटका भुगतान आरएसआरडीसी के अनुसार मंदिर का निर्माण कार्य यूं तो अंतिम चरण में चल रहा है। बताया गया है कि देवस्थान विभाग की ओर से एप्रूवल न मिलने पर ठेकेदार का करीब डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान नहीं हो पाया है। इसके चलते कुछ दिनों काम बंद रहा था। मगर अब काम फिर से शुरू कर दिया गया है। वहीं ठेकेदार के लिए भी शीघ्र ही भुगतान कर दिया जाएगा।
बंसी पहाड़पुर के पत्थर से निर्माण, नागर शैली का प्रयोग आरएसआरडीसी के एईएन अनिरुद्ध वीर ङ्क्षसह ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए बंशी पहाड़पुर के पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके पीछे की खास वजह यह है कि इस पत्थर में नक्काशी का कार्य बहुत ही बेहतरीन तरीके से होता है। साथ ही मजबूती के चलते इस पत्थर की लाइफ भी बहुत अच्छी होती है। मंदिर की खासियत यह है कि इसके निर्माण में गुंबद और मेहराबों का प्रयोग किया जा रहा है जो की नागर शैली पर आधारित हैं। यह मंदिर भविष्य में भरतपुर के सुंदरतम मंदिरों में से एक होगा। यह अपने आप में एक नायाब मंदिर होगा। बताया गया है कि अयोध्या का राम मंदिर भी नागर शैली पर आधारित है।
लापरवाही ऐसी कि काम में हमेशा होती रही देरी किला स्थित बांके बिहारीजी मंदिर का निर्माण फरवरी 2018 में शुरू हुआ था। इसकी अनुमानित लागत करीब 10.38 करोड़ आंकी गई। मंदिर के निर्माण में प्रयोग होने वाला पत्थर बंशी पहाड़पुर का है और इसका निर्माण नागर शैली के आधार पर किया जा रहा है। यह निर्माण कार्य दिसम्बर 2019 में पूरा होना था। लेकिन वर्तमान तक यह निर्माणाधीन है। इसके पीछे का मुख्य कारण बताया जाता है कि मंदिर को पूरे समय के लिए दर्शनार्थियों के लिए खोला जा रहा है। भक्तों के आवागमन के चलते काम धीमी गति से चल रहा है। हालांकि निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में चल रहा है और आगामी करीब एक माह में पूरा होने को है।
भू-गर्भ से निकली थी तीन मूर्तियां स्वामी हरिदासजी को भू-गर्भ से बिहारीजी की तीन मूर्तियां मिली थी। इसमें से वर्तमान में एक जयपुर के गोविंद देवजी मंदिर में है, दूसरी करौली जिले में मदन मोहनजी मंदिर में और तीसरी भरतपुर के किला स्थित बांके बिहारीजी मंदिर में। वृंदावन बिहारीजी मंदिर की मूर्ति अष्टधातु की है। यहां बिहारीजी पुजारियों की ओर से मनाने के बाद भरतपुर से वृंदावन गए थे।
इनका कहना है - मंदिर निर्माण का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। हालांकि ठेकेदार का करीब 1.50 करोड़ रुपए का भुगतान न होने से काम अवरुद्ध हुआ था। अब काम शुरू हो गया है। जून माह के अंत तक निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।
अनिरूद्ध, सहायक अभियंता, आरएसआरडीसी