वैसे समय-समय पर डिप्टी जीएम ने कार्यशाला का निरीक्षण किया है। उन्हें हर बार यहां की स्थिति और बसों में हो रहे नुकसान से अवगत कराया गया, लेकिन सब कागजों में बंद होकर रह गया। हारकर डिपो के लगभग ४०० कर्मचारियों ने आपसी सहयोग से राशि एकत्रित कर निर्माण कार्य शुरू करवाया है।
लगभग पांच वर्ष से डिपो के अधिकारी और कर्मचारियों ने निरीक्षण में अधिकारियों व उच्च स्तर पर लिखित में इस समस्या से अवगत कराया था। क्योंकि, कार्यशाला में सड़क पर गड्ढों के कारण बसों के डीजल टैंक, पट्टे-कमानी व बॉडी आए दिन क्षतिग्रस्त हो रहे थे। यह स्थिति करीब चार वर्ष से जारी है, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया।
भारतीय मजदूर संघ के नीरज दाहिना ने बताया कि फिलहाल ६० हजार रुपए में कार्य शुरू करा दिया है। जैसे-जैसे कार्य होता जाएगा, वैसे ही कर्मचारी और राशि एकत्रित करने का प्रयास कर कार्य में लगाते जाएंगे। उन्होंने बताया कि बाउण्ड्रीबाल भी गिरासू है, जो बारिश में गिर सकती है। फिलहाल सड़क (फर्श) का कार्य कराते हैं।
भरतपुर डिपो के मुख्य प्रबंधक अवधेश शर्मा का कहना है किकार्यशाला में गड्ढे हो रहे थे। आए दिन बसों को नुकसान पहुंच रहा था। इस समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया था, लेकिन समाधान नहीं हुआ तो भरतपुर डिपो के कर्मचारियों ने आपसी सहयोग से राशि एकत्रित कर कार्यशाला में सड़क निर्माण शुरू करवा दिया है।