थाना प्रभारी हरिमन मीणा ने बताया कि 31 अगस्त 1979 को गांव नगला तेरहियां में धु्रव पक्ष के साथ हुई मारपीट में दूसरे पक्ष के नारोली निवासी रूपाराम की मौत हो गई। इस मामले में बयाना थाना में चार जनों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। तीन लोगों की जमानत हो गई, लेकिन मुख्य आरोपी तभी से फरार चल रहा था।
आरोपी पर गांव पना से पशुधन चोरी करने का भी मामला दर्ज था। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी जगह-जगह अपना नाम बदलकर रहता था। वर्तमान में आरोपी के परिचय पत्र नाम बदलकर पाली जिले के बनवा रखे है। पुलिस गठित टीम में हैड कास्टेबल भरतलाल,कांस्टेबल महावीरसिंह थे।
पुलिस ने बताया कि आरोपी से पूछताक्ष में पता चला कि हत्या के बाद आरोपी साधू के वेश में कई प्रान्तों के मंदिरों पर रहा। वहीं बीस वर्ष से पाली जिले ठोकर ढाड़ी गुजरों जलिया क्षेत्र बेरा गुन्दावा में कर्माबाई मंदिर में महंत बना था।
सरपंच की आत्महत्या मामले में आई बड़ी खबर, जेब से मिला था 32 पेज का सुसाइड नोट आरोपी के कई आश्रम हैं आरोपी की शान और शौकत में कोई कमी नहीं थी। साधू से मिलने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती थी। साधू से मिलने के लिए लोगों का तीन दिन में नम्बर आता था। पता चला है कि साधू के कई आश्रम संचालित है। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि आरोपी तक पुलिस कैसे पहुंची।