अब हारे हुए और असंतुष्ट दावेदारों पर खेला जा सकता है दाव
नगर निगम के मेयर पद की सीट एससी पुरुष के लिए रिजर्वहोने के बाद अब दोनों ही पार्टियों में खलबली मची हुईहै। चूंकि सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर पार्टियां वर्तमान पार्षदों में से चयन करती हैं तो उन्हें इतने बड़े पद के लिए इंतजार कर रहे असंतुष्ट दावेदारों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस की ओर से लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज रहे या पराजित रहे दावेदार पर दाव खेला जा सकता है। हालांकि भाजपा के खेमे में चर्चाहैकि प्रदेश कार्यकारिणी की ओर से आनन-फानन में लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट की मांग करने वाले दावेदारों की सूची भी मांगी गईहै। ऐसे में संभव है कि भाजपा भी असंतुष्ट रहे पिछले चुनाव के दावेदारों को सामने ला सकती है। हालांकि तय है कि दोनों ही दलों को मेयर पद का दावेदार तय करने में पसीने छूट सकते हैं। क्योंकि विधानसभा व लोकसभा चुनाव में गुटबाजी व विरोध का सामना करने के बाद अब मेयर के नाम पर पार्टी को मजबूत बनाए रखना आवश्यक होगा। चर्चाहै कि कांग्रेस में लोकसभा चुनाव लडऩे वाले अभिजीत कुमार, 2014 में लोकसभा चुनाव चुनाव लड़े डॉ.सुुरेश यादव, गोपाल पहाडिय़ा, भाजपा से पूर्व सांसद बहादुर सिंह कोली के पुत्र विजेंद्र कोली, महिला मोर्चाअध्यक्ष शिवानी दायमा के नाम को लेकर भी चर्चाचल रही है।