भरतपुर

पिता की अस्थियों को हरिद्वार ले जाने की राह देखता रहा बेटा, आखिर मानवीय संवेदना ऐसे आई काम

भरतपुर जिले में एक बेटा अपने पिता की अस्थियों को हरिद्वार ले जाकर गंगा जी में प्रवाहित करने की बाठ जोहता रहा। पिता की अस्थियों को हरिद्वार ले जाना है, लेकिन लॉकडाउन के चलते घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है…

भरतपुरMar 25, 2020 / 09:38 am

dinesh

भरतपुर। दुनिया में फैली जानलेवा कोरोना वायरस की बीमारी ने लोगों को घरों में कैद होने पर मजबूर कर दिया है। लोग अपनों के लिए अब अपनों से भी दूरी बना रहे हैं। शहर में लॉकडाउन की किया हुआ हुआ है। ऐसे में भरतपुर जिले में एक बेटा अपने पिता की अस्थियों को हरिद्वार ले जाकर गंगा जी में प्रवाहित करने की बाठ जोहता रहा। पिता की अस्थियों को हरिद्वार ले जाना है, लेकिन लॉकडाउन के चलते घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे में नदबई एसडीएम विनोद मीणा ने मानवीय संवेदना दिखाते हुए मृतक के परिजनों को एसडीएम कार्यालय में बुलाया। बाद में सांत्वना देते हुए वाहन सहित परिजनों को हरिद्वार जाने की अनुमति जारी की। जानकारी के अनुसार नदबई कस्बे की पंजाबी मौहल्ला स्थित राजेन्द्र सहगल की हृदय गति से मौत हो गई। जिसके चलते परिजनों को मृतक की अस्थियों को लेकर हरिद्वार जाना है।
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भरतपुर रेलवे स्टेशन के तीन गेट बंद, आरपीएफ को सौंपी जिम्मेदारी
कोरोना वायरस को देखते हुए भरतपुर रेलवे स्टेशन को आरपीएफ के सुपुर्द कर दिया गया। इसमें आरक्षण केंद्र पार्सल बुकिंग केंद्र और पूछताछ केंद्र पर सील लगा दी गई अब यहां पर पूर्णत भारी वारी व्यक्ति की आवाजाही बंद रहेगी। रेलवे स्टेशन पर इन तीनों शाखाओं को सील बंद कर रेलवे प्रबंधन की ओर से एक मेमो आरपीएफ को सौंपा गया है। अब इनकी सुपुर्दगी आरपीएफ के पास अगले आदेशों तक रहेगी। इसके अलावा स्टेशन के मुख्य गीत पर तीनों दरवाजों को भी बंद कर दिया गया है। अब बाहर से अंदर कोई भी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर पाएगा। केवल रेलवे के कर्मचारी और अधिकारी ही आईडी दिखाकर अंदर जा सकेंगे। गौरतलब रहे कि रेलवे की ओर से पहले से ही 31 मार्च तक यात्री ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया है केवल मालगाड़ी चल रही है।

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