विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अरुण कुमार पाण्डेय ने बताया कि डिग्रियों के निर्माण में करीब सात-आठ प्रकार के सिक्योरिटी कोड डाले जाएंगे। इससे डिग्रियां फर्जीवाड़े/डुप्लीकेट की आशंका से पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगी। इसके लिए विशेष रूप से एजेंसी द्वारा काम कराया जा रहा है।
न फटेगी न गलेगी
परीक्षा नियंत्रक डॉ. अरुण कुमार पाण्डेय ने बताया कि सामान्यतौर पर विद्यार्थी अपने दस्तावेजों को फटने व गलने से बचाने के लिए लेमिनेशन कराते हैं लेकिन विवि अपने पहले दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को नॉन टेरेबल कागज से निर्मित डिग्रियां प्रदान करेगा। यह कागज प्लास्टिक कोटेड कागज होता है, ऐसे में इससे निर्मित डिग्रियां न तो फटेंगी और न ही बरसात व पानी में गलेंगी। इससे विद्यार्थियों को डिग्री का लेमिनेशन कराने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
यूआईटी सभागार में राज्यपाल देंगे डिग्री
जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशान अपना दीक्षांत समारोह यूआईटी भवन में आयोजित करने की तैयारी में है। समारोह में स्वयं राज्यपाल कल्याण सिंह विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान करेंगे। इसके साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन डिग्रियों में लिखे जाने वाले नामों को लेकर विशेष सावधानी बरत रहा है। इसीलिए विवि ने सभी महाविद्यालयों को विद्यार्थियों के नामों वाली सूची भेज दी है, ताकि समय रहते संशोधन करा सकें। यदि विद्यार्थी निर्धारित तिथि में संशोधन नहीं कराएंगे तो बाद में संशोधन के लिए अलग से करीब दो सौ रुपए का शुल्क जमा कराना होगा।