कार्यक्रम में डीआईडी गौड़ ने कहा कि देश की सेवा के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले सुरक्षाबलों की याद में शहीद दिवस मनाते हैं। उन्होंने कहा कि वर्दी पहनने के बाद कौन अपना और कौन पराया का फ्रक नहीं किया जाता है, वह केवल अपना कर्म पूरा करता है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल चाहे वह सैनिक हो या पुलिसकर्मी देश की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी देने से कभी पीछे नहीं हटते हैं। इससे पहले रेंज डीआईजी ने मार्च पास्ट की सलामी ली। उसके बाद गार्ड कमाण्डर रिपोर्ट पेश की और डीआईजी ने मंच से शहीद हुए जवानों के नाम पढ़ें। इस मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) डॉ.मूलचंद राणा व एएसपी (एडीएफ) सुरेश कुमार खींची, सीओ ग्रामीण परमाल सिंह समेत अन्य अधिकारियों ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।
अंहिसा से किसी देश की रक्षा नहीं होती
शहीद दिवस पर सोमवार शाम यूआईटी ऑडिटोरियम में ‘एक शाम शहीद पुलिस कर्मियों के नाम कवि सम्मेलनÓ का आयोजन हुआ। कवि सम्मेलन की शुरुआत कवियित्री पूनम वर्मा ने मां सरस्वती की वंदना से की। उन्होंने कविता पाठ करते कहा कि अंहिसा से किसी देश की रक्षा नहीं होती, रणों के ग्रंथ में इसकी चर्चा नहीं होती है…पर खूब तालियां बजी। कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि जिला कलक्टर डॉ.जोगाराम थे। अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायाधीश शुभ्रा मेहता ने की। विशिष्ट अतिथि मेयर शिवसिंह भोंट, रेंज उपमहानिरीक्षक लक्ष्मण गौड़ व लुपिन संस्था के अधिशासी अधिकारी सीताराम गुप्ता थे। कार्यक्रम में संयोजक पुलिस अधीक्षक हैदरअली जैदी थे। कवि सम्मेलन में जयपुर के कवि चौहान ने मेरा देश में चारों धर्म सुखी हैं। वहां मारा मारी है, यहां खेल घृणा का खेल निरंतर जारी…कविता सुनाई। इसी तरह कमाण्डो सामोद सिंह ने सैनिक हूं सरहद-सरहद भाग रहा हूं, देश के लोगों तुम सो जाओ मैं जाग रहा हूं…कविता पर ऑडिटोरियम पर जमकर तालियां बजीं। इसके अलावा पवन आगरी, सुनहरी लाल दिल्ली ने भी कविता पाठ किया।