प्रोजेक्ट पर एक नजर प्रथम चरण: गांव नोंह स्थित ट्रीटमेंट प्लांट तक प्रथम चरण में वर्ष 2006 में आरयूआईडीपी ने शहर के आतंरिक क्षेत्र व सरकूलर रोड पर 74.36 किलोमीटर का कार्य प्लांट तक 46.31 करोड़ रुपए व द्वितीय चरण में नगर निगम ने वर्ष 2017 में मार्च माह से 105.48 करोड़ रुपए के बजट से शहर के बाहरी क्षेत्र में सीवरेज का कार्य प्रारंभ किया था। हालांकि आरयूआईडीपी ने 38.23 करोड़ रुपए में 31 मार्च 2019 को कार्य पूरा कर निगम को एनओसी व बजट देकर इतिश्री कर ली। वहीं निगम का सरकूलर रोड के बाहरी क्षेत्र में 116.33 किलोमीटर में सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य एलएंडटी कंपनी की ओर से जारी है, जो मार्च 2017 में शुरू किया गया। इसे 27 दिसम्बर 2019 को पूरा करना था लेकिन इसकी तिथि बढ़ाकर 27 जून 2020 तक कर दी है। अब फिर से नई तारीख ली गई है। प्रथम चरण में आरयूआईडीपी ने 74.36 किमी में सीवरेज लाइन डालने व 2215 मैन हॉल का निर्माण प्रस्तावित था। इसमें से 74.16 किमी लाइन डाली गई, लेकिन बीनारायण गेट से सिरकी वाले हनुमान मंदिर तक ट्रेंचलैस सीवर लाइन का 200 मीटर लंबाई का कार्य अधूरा छोड़ दिया। बताया गया है कि इसे किसी विभाग से स्वीकृति लेकर पूर्ण करना था। इसके अतिरिक्त 99 प्रतिशत कार्य पूरा करना बताया गया। लेकिन, प्रथम चरण की ही स्थिति देखें तो अब भी कार्य अधूरा नजर आता है।
द्वितीय चरण: मार्च 2019 के बाद सरकूलर रोड के बाहरी क्षेत्रों में सीवरेज कार्य की जिम्मेदारी नगर निगम पर आई। इसके लिए 105.48 करोड़ का बजट प्रस्तावित था। इसमें 79.66 करोड़ में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण व सीवरेज लाइन शामिल है। वहीं 11.99 करोड़ में हाउस सीवर कनेक्शन व 1.59 करोड़ में बिजली, टेलीफोन, पाइप लाइन आदि डैमेज होने पर मरम्मत कार्य पर खर्च करना है। बताया गया है कि निगम ने एलएंडटी कंपनी से 116.33 किमी में से काफी हद तक लाइन डलवा ली है। वहीं 2865 से अधिक मैन हॉल भी बनवाए हैं और कार्य अभी चल रहा है।
सबलेट…या कमीशन का बड़ा खेल बड़ी कंपनी ने सीवरेज प्रोजेक्ट का ठेका लेकर सबलेट कर दिया। इसमें फ्लो लेवल ठीक से चेक नहीं किए गए। घरों सीवरेज कनेक्शन जोडऩे का काम भी ठेकेदार स्तर पर ही होना चाहिए था। अब निगम के लिए कनेक्शन करना मुश्किल काम हो रहा है। यह भी सामने आया है कि सबलेट करने के पीछे भी संबंधित विभागों का कमीशन का राज छिपा हुआ है। इससे सीवरेज प्रोजेक्ट की स्थिति और भी खराब हुई है।
21 जून की बैठक में राज्यमंत्री जता चुके नाराजगी सीवरेज प्रोजेक्ट के दोनों चरणों में हुई खामियों को लेकर 21 जून 2021 को हुई बैठक में राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग भी नाराजगी जता चुके हैं। उस समय भी मंत्री ने कहा था कि चतुर्थ फेज की स्वीकृति विशेषज्ञों के हर रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद दी जाएगी।
लोग बोले: अफसर अंधे, उन्हें नहीं पड़ता कोई फर्क -सीवरेज चलने के दौरान मिट्टी धंस रही है। इससे सड़क जगह-जगह से बैठक ले रही है। गड्डे हो रहे हैं। कई ट्रॉली इसमें गिट्टी डाल दी, लेकिन सड़क धंसती जा रही है। प्रशासन लापरवाह बना हुआ है। कोई सुध नहीं ले रहा। किसी भी दिन कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है।
मोहन सैनी, मोहल्ला बी-नारायण गेट
-बी-नारायण गेट से घना रोड जाने वाले रास्ते में सीवरेज पंप के पास सड़क धंस गई है। इससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। लोग गिर रहे हैं लेकिन प्रशासन लापरवाह बना हुआ है। कोई सुनने वाला नहीं है।
सतीश चाय विक्रेता, बी-नारायण गेट -एटीएम की दुकान में दरार आ रही है। इससे बैंक अधिकारियों को अवगत करा दिया है। अगर लापरवाही की गई तो कोई भी हादसा हो सकता है। राजू राणा, बी-नारायण गेट एटीएम गार्ड
-दुकान में दरार आने से शटर के पास लगे कड़ाऊ गिर गए। इससे हादसा होते-होते बच गया। अधिकारी भी मौके पर आए लेकिन देख कर चले गए। इसको मरम्मत कराया गया। नगर निगम भी गया था लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। दुकान में अभी भी दरार आ रही है कोई भी हादसा हो सकता है।
पप्पू मिठाई वाले, बी-नारायण गेट -दुकान में दरार आने के बात पहले यूआईटी गए थे। यूआईटी से नगर निगम भेज दिया। मेयर को लिखित में शिकायत दी, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। दुकान में बड़ी बड़ी दरार आ रही है। कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है। इसका जिम्मेदार कौन होगा।
ओमप्रकाश, परचून व्यापारी बीनारायण गेट
-बी-नारायण गेट चौराहे के पास पंप हाउस गंदे पानी को खींचता है। उसके साथ सड़क की मिट्टी भी खिंच जाती है। इससे सड़क में गड्ढ़ा बन जाता है। इससे दुकान में दरार आ रही है।
सुरेंद्र ई-मित्र संचालक, बी नारायण गेट