मौसम विशेषज्ञों की मानें तो मावठ के कारण रबी की फसलों में गेंहूं, सरसों, जौ, चना आदि को विशेष फायदा हुआ है। इसका फायदा बढ़ी हुई पैदावार के रूप में भी देखने को मिलेगा। उनका मानना है कि किसानों द्वारा फसल में यूरिया का हल्का छिडक़ाव कर अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है। हालांकि इस सीजन में सर्दी का असर कम नजर आया। ना कोहरा और ना ज्यादा गलन वाली सर्दी पड़ी। मगर, जनवरी के अंत में सोमवार को दोपहर तक तेज धूप निकली। दोपहर बाद अचानक मौसम ने करवट ली। मावठ से भरतपुर, रुदावल, बयाना, कामां, नगर, सीकरी, पहाड़ी सहित जिले के किसानों की सरसों, गेहूं, चना की फसलों को संजीवनी मिल गई। वहीं तापमान में बढ़ोतरी हुई है। इसका कारण गत रविवार रात को आसमान में बादल छाए रहे। इसलिए सोमवार को न्यूनतम तापमान 10 डिग्री और अधिकतम 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मंगलवार को हल्का कोहरा व बूंदाबांदी की संभावना बताई जा रही है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस मावठ से उन फसलों को फायदा है, जिनकी बुवाई अक्टूबर में की गई थी। वहीं नवम्बर में यानि देरी से बुवाई की है उन फसलों को ज्यादा पानी की जरुरत नहीं हैं। इनका कहना है कि ज्यादा मावठ नुकसानदायक है। विशेषकर सरसों के लिए जिस पर फूल आ गए हैं। मगर गेहूं के लिए बहुत फायदे मंद है।