scriptअवैध खनन की वसूली को आए दिन होती है वारदात, एसएचओ बोले: नफरी की है तंगी | SHO said: Nafri is strapped | Patrika News

अवैध खनन की वसूली को आए दिन होती है वारदात, एसएचओ बोले: नफरी की है तंगी

locationभरतपुरPublished: Feb 16, 2020 03:01:27 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-डकैतों के फायरिंग व मारपीट करने के मामले में दो आरोपित तीन दिन के रिमांड पर

अवैध खनन की वसूली को आए दिन होती है वारदात, एसएचओ बोले: नफरी की है तंगी

अवैध खनन की वसूली को आए दिन होती है वारदात, एसएचओ बोले: नफरी की है तंगी

भरतपुर/बयाना. गढीबाजना थाना क्षेत्र के गांव नगला क्षत्रिय सिंघनिया में हथियार बंद डकैत गिरोह के फायरिंग, मारपीट व लूटपाट के मामले में शुक्रवार को पुलिस ने गिरफ्तार किए दो जनों को न्यायालय में पेश किया। जिन्हें न्यायाधीश ने शनिवार को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपा है। घटना के बाद से ही तीन दिनों से अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक सुरेष खींची, पुलिस उपाधीक्षक खींवसिंह राठौर, कोबरा टीम ने डांग क्षेत्र में आरोपियों और डकैतों की तलाश जारी रखी है। पुलिस ने बताया कि नगला क्षत्रिय में एक घंटे हुई फायरिंग के मामले में शुक्रवार को पुलिस ने गिरफ्तार किए आरोपी ज्ञानी पुत्र निहाल, गुमान पुत्र निहाल को शनिवार को न्यायाधीश के समक्ष पेश किया। जहां से उन्हें तीन दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपा है। इधर, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक सुरेश खींची व उप अधीक्षक खींवसिंह ने कोबरा टीम के साथ घटना के बाद से ही लगातार सर्च जारी रखी है। घटना में प्रदीप पुत्र लक्ष्मण गुर्जर, थानसिंह पुत्र लक्ष्मण व बत्तन पत्नी लक्ष्मण गुर्जर घायल हुए थे। जिनका भरतपुर इलाज जारी है। घटनास्थल से पुलिस ने आठ खाली व एक जिंदा कारतूसों को भी बरामद किया था। पुलिस उपाधीक्षक के अनुसार यह गिरोह कुख्यात डकैत भारत गुर्जर व रामविलास गुर्जर को पकडऩे के लिए प्रयासों को तेज किया है। इलाके में पत्थर की खानों व अवैध खनन के कारोबार को लेकर बार-बार घटनाएं होती रही है।
एसएचओ भी दिखाई दे रहे मजबूर

डांग क्षेत्र के थाना गढीबाजना में आए दिन अवैध खनन की अवैध वसूली को लेकर आए दिन वारदातें अपराधी कर रहे हैं। पुलिस को अपराधी नासूर बने है। अपराध होने के बाद भी पुलिस अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाती है। ऐसी स्थिति में भी थाने पर आधा ही जाब्ता तैनात है। एसएचओ कैलाश बैरवा ने बताया कि थाने पर कुल 41 पद स्वीकृत है जिनमें एक एएसआई, चार की जगह छह हैड कांस्टेबल और 33 में से सात कांस्टेबल तैनात हैं। इनके अलावा केवल चालक है। ऐसी स्थिति में पुलिस की कार्यशैली निष्क्रिय ही दिखाई देती रही है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो