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साईलेंस जोन का बोर्ड लापता, अधिकारी भी साईलेंस

locationभरतपुरPublished: Feb 12, 2020 10:43:46 pm

Submitted by:

rohit sharma

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की पांच सौ मीटर की परिधि में साईलेंस जोन घोषित है लेकिन इसकी पालना को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी गंभीर नहीं है।

साईलेंस जोन का बोर्ड लापता, अधिकारी भी साईलेंस

साईलेंस जोन का बोर्ड लापता, अधिकारी भी साईलेंस

भरतपुर. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की पांच सौ मीटर की परिधि में साईलेंस जोन घोषित है लेकिन इसकी पालना को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी गंभीर नहीं है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि घना के पास कुछ दूरी पर लगे साईलेंस जोन का बोर्ड ही लापता है और यहां पर केवल पोल लगा हुआ है। जबकि इस इलाके में पहले से ही वाहन समेत शादी समारोह के दौरान शोरगुल रहता है, इसके बाद भी जिम्मेदार एजेंसी खुद को ही साईलेंस मोड पर किए हुए हैं। वहीं, विश्व विरासत केवलादेव का जिम्मा संभाल रहे घना प्रशासन के अधिकारी भी लापरवाह बने हुए हैं। घना प्रशासन यह कहते हुए पल्ला झाड़ लेता है कि चारदीवारी के बाहर होने वाली गतिविधियों के लिए वह सीधे तौर पर दखल नहीं दे सकते हैं।

नहीं बज सकते बैंडबाजे, हॉर्न


साईलेंस जोन घोषित होने के बाद अब केवलादेव की 500 मीटर परिधि में शोरगुल पर पूर्वरूप से पाबंदी है। इस दायरे में अतिशबाजी, हॉर्न, लाउण्डस्पीकर, बैण्डबाजे, डीजे तथा तेज संगीत नहीं बज सकता है। लेकिन इसके बाद भी घना के आसपास संचालित मैरिज होम व होटलों में शादी समेत अन्य कार्यक्रमों में खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। जिम्मेदार एक-दूसरे पर टाल-मटोल करते हैं लेकिन कार्रवाई कोई नहीं करता है। इसके चलते पक्षियों की दुनिया में खलल दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।

पत्रिका ने उठाया था मुद्दा, जिस पर घोषित हुआ था साईलेंस जोन


गौरतलब रहे कि घना के आसपास बढ़ते शोर-शराबे को लेकर पत्रिका ने पूर्व में मुद्दा उठाया था। जिस पर तत्कालीन जिला कलक्टर गौरव गोयल ने वन विभाग के प्रमुख शासन सचिव को पत्र लिखा था। उसके बाद राज्य सरकार ने घना की 500 मीटर की परिधि में साईलेंस जोन घोषित कर दिया था। इसके तहत सरकार ने ध्वनि प्रदूषण नियम 2000, नियम 3 (2) के तहत इस क्षेत्र को साईलेंस जोन घोषित कर दिया था।

एक बोर्ड लापता, दूसरे पर पोस्टर लगे


500 मीटर के दायरे में शोर निषेध क्षेत्र अथवा शांत वातावरण के लिए यूआईटी ने सूचना बोर्डलगाए थे। यह बोर्ड केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के मुख्य द्वार, सामने होटल के पास, सारस चौराहे व विश्वप्रिय शास्त्री पार्क मोड़ पर लगाए गए हैं। इसमें होटल के पास लगा बोर्ड लापता हो चुका है। इसी तरह एक अन्य बोर्ड पर पोस्टर लगने और लिखा हुआ मिटने से वह पढऩे में ही नहीं आता है। जिस वजह से कई बार वाहन चालकों को साईलेंस जोन की जानकारी तक नहीं हो पाती है।
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