बेच नहीं सकेेंगे परिसम्पत्तियां
भरतपुरPublished: Feb 17, 2016 11:51:00 pm
धार्मिक ट्रस्टों, संगठनों तथा जागीरों की पुण्यार्थ कार्य के लिए आरक्षित एवं आवंटित परिसरों को अब व्यक्तिगत
भरतपुर।धार्मिक ट्रस्टों, संगठनों तथा जागीरों की पुण्यार्थ कार्य के लिए आरक्षित एवं आवंटित परिसरों को अब व्यक्तिगत हस्तांतरण, बेचान, वसियत आदि नहीं कर सकेंगे। राज्य के विभिन्न जिलों से इस तरह की शिकायत मिलने पर गम्भीर हुए देवस्थान विभाग ने इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं।
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक शेखर ने जारी किए आदेश में स्पष्ट किया है कि विभिन्न जिलों धार्मिक ट्रस्टों, संगठनों, संस्थाओं तथा जागीरों की पुण्यार्थ कार्य के लिए छतरियां, मकानात, पदचिह्न, बाग-बगीचे आदि आरक्षित एवं आवंटित हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे परिसर जागीर पुर्नग्रहण अधिनियम के प्रभाव में आने के पूर्व से ही धार्मिक एवं पुण्यार्थ काम आ रहे थे। जारी आदेश में बताया है कि ऐसी धार्मिक जागीरों की परिसम्पत्तियां किसी व्यक्ति विशेष की निजी सम्पत्ति या जागीर न होकर सम्बंधित धार्मिक संस्थान की परिसम्पत्तियां हैं। उन्होंने धार्मिक ट्रस्टों, संस्थाओं संगठनों की जागीर पुर्नग्रहण अधिनियम के प्रभाव में आने से पूर्व की सभी परिसम्पत्तियों के व्यक्तिगत हस्तांतरण, बेचान, वसीयत, भेंट, दान आदि पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं।
वापस करना होगा अन्तरण
उन्होंने बताया कि जो परिसम्पत्तियां राजस्व रिकॉर्ड में व्यक्तिगत/ निजी नाम से दर्ज कर दी गई हैं, उनका रिकॉर्ड में अन्तरण पूर्व के सम्बंधित चेरिटेबल पंथ, गद्दी, सम्प्रदाय, ट्रस्ट, संस्था के नाम अंकित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सम्बंधित चेरिटेबल संस्था/ ट्रस्ट के प्रबंधक/ महंत को फार्म 12 क में खुर्द-बुर्द नहीं करने का शपथ पत्र पेश करेंगे।
मिल रही थी शिकायतें
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि ऐसे परिसरों की सम्पत्तियां मुख्य बाजार क्षेत्र में आने तथा कीमत बढऩे के कारण कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप से बेचान एवं हस्तांतरण करने तथा व्यक्तिगत लाभ के लिए खुद-बुर्द करने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।
परिसम्पत्तियों के सम्बंध में जो भी निर्देश जारी हुए हैं, उसके सम्बंध में सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। ओ.पी.जैन एडीएम प्रशासन, भरतपुर