scriptकरोड़ों खर्च, फिर भी कुपोषण जस का तस | Spent millions on malnutrition in four years | Patrika News

करोड़ों खर्च, फिर भी कुपोषण जस का तस

locationभरतपुरPublished: Jan 31, 2019 11:18:25 am

Submitted by:

shyamveer Singh

भरतपुर.जिले में कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों की देखभाल मेें महज खानापूर्ति हो रही है। कहने को सरकार हर वर्ष कुपोषित बच्चों को स्वस्थ करने के लिए पोषाहार आदि पर करोड़ों खर्चकर देती है लेकिन बावजूद इसके हालात जस के तस नजर आते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि करोड़ों खर्चहोने के बावजूद कुपोषण के शिकार बच्चों का आंकड़ा कम क्यों नहीं हो पा रहा।

malnutrition

bharatpur

भरतपुर.जिले में कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों की देखभाल मेें महज खानापूर्ति हो रही है। कहने को सरकार हर वर्ष कुपोषित बच्चों को स्वस्थ करने के लिए पोषाहार आदि पर करोड़ों खर्चकर देती है लेकिन बावजूद इसके हालात जस के तस नजर आते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि करोड़ों खर्चहोने के बावजूद कुपोषण के शिकार बच्चों का आंकड़ा कम क्यों नहीं हो पा रहा। आश्चर्यकी बात तो यह है कि हर वर्षपोषाहार आदि पर करोड़ों का बजट बढ़ जाता है लेकिन कुपोषित बच्चों का आंकड़ा कम नहीं होता। धरातलीय सच्चाई यह है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों का सिर्फ कागजों में पंजीयन है और सुविधाएं उनसे कोसों दूर हैं।
वर्ष कम वजन अत्यधिक कम वजन वाले बच्चे
2015 31,156 180
2016 29,837 180
2017 28,689 195
2017(दिस.)27,543 210

बीते चार साल में कुपोषण निवारण पर खर्च
वर्ष 2014-15- 3 करोड़, 91 लाख, 79,337 रुपए
वर्ष 2015-16 – 15 करोड़, 37 लाख, 09,6 18 रुपए
वर्ष 2016 -17- 21 करोड़, 98 लाख, 44,6 17 रुपए
वर्ष 2017-18 – 9 करोड़, 59 लाख, 32,439 रुपए(2017 सितम्बर तक)
अब तक ये था प्रावधान
6 माह से तीन वर्ष तक के बच्चे- 125 ग्राम बेबी मिक्स
6 माह से तीन वर्ष तक के अति कम वजन वाले बच्चे- 200 ग्राम बेबी मिक्स
3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चे- नाश्ता, गरम पूरक पोषाहार, खिचड़ी, मीठा दलिया।
3 वर्ष से 6 वर्ष के अति कम वजन के बच्चे- नाश्ता, 75 ग्राम अतिरिक्त पोषाहार, गरम पूरक पोषाहार, खिचड़ी, मीठा दलिया
गर्भवती, धात्री महिलाएं एवं किशोरी बालिकाएं- 155 ग्राम बेबी मिक्स
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो