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इस साल दो दिन जन्माष्टमी: भरतपुर में 12 को ही मनाया जाएगा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

locationभरतपुरPublished: Aug 09, 2020 11:25:23 am

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-जन्माष्टमी पर्व पर श्रीकृष्ण की तिथि और जन्म नक्षत्र का नहीं बन रहा संयोग

इस साल दो दिन जन्माष्टमी: भरतपुर में 12 को ही मनाया जाएगा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

इस साल दो दिन जन्माष्टमी: भरतपुर में 12 को ही मनाया जाएगा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

भरतपुर. कृष्ण जन्माष्टमी की तारीख को लेकर इस साल भी दो मत हैं। ज्यादातर पंचांगों में 11 और 12 अगस्त को जन्माष्टमी है। वैष्णव मत के मुताबिक 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना श्रेष्ठ है, इसलिए मथुरा (उत्तर प्रदेश) और द्वारिका (गुजरात) दोनों जगहों पर 12 अगस्त को ही जन्मोत्सव मनेगा। पं. मनु मुदगल ने बताया कि भरतपुर में 12 अगस्त को जन्मोत्सव मनाया जाएगा। कृष्ण जन्म की तिथि और नक्षत्र का एक साथ नहीं मिल रहे। 11 अगस्त को अष्टमी तिथि सूर्योदय के बाद लगेगी, लेकिन पूरे दिन और रात में रहेगी। भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस साल जन्माष्टमी पर्व पर श्रीकृष्ण की तिथि और जन्म नक्षत्र का संयोग नहीं बन रहा है। इस बार 11 अगस्त, मंगलवार को अष्टमी तिथि पूरे दिन और रातभर रहेगी।
श्रीकृष्ण की पूजन एवं व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मनोवांछित फल व सिद्धि की प्राप्ति

पं. राममोहन शर्मा ने बताया कि भारतीय ज्योतिष शास्त्र व पंचागीय गणना के अनुसार जन्माष्टमी मेष राशि के चंद्रमा की साक्षी में सिद्धि योग, बव करण तथा कृतिका नक्षत्र में मनाई जाएगी। जन्माष्टमी पर सिद्धि योग एवं मेष लग्न होने से यह व्रत और भी पुण्य फलदायी हो गया है। इस योग में भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा एवं व्रत करने से तीन जन्म के पापों से मुक्ति मिलेगी। जन्माष्टमी के दिन ग्रह-गोचरों के इस खास संयोग में श्रीकृष्ण की पूजन एवं व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मनोवांछित फल व सिद्धि की प्राप्ति होगी। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को सिद्धि योग और मेष लग्न में जन्माष्टमी का पावन त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा करने से सभी दुखों व शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में सुख, शांति व प्रेम की सद्भावना जागृत होती है।
पहली बार…बगैर जन्मोत्सव के दर्शन के ही मनेगा उत्सव

फिलहाल मंदिर आमजन के लिए 31 जुलाई तक बंद रखे गए हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में पर्यटन विभाग की ओर से हर साल कामां में भी दो दिवसीय उत्सव होता था, लेकिन कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के चलते बड़े कार्यक्रमों पर रोक लगी हुई है। साथ ही मंदिरों में श्रद्धालु कृष्ण जन्मोत्सव के दर्शन नहीं कर सकेंगे। इसलिए घरों पर ही रहकर कृष्ण जन्मोत्सव मनाना होगा।
मथुरा: कृष्ण जन्म भूमि पर लाइव प्रसारण कर टीवी पर पर होंगे दर्शन

– कोरोना संक्रमण काल में लोगों के आने पर लगाया प्रतिबंद

गोवर्धन. श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भगवान श्रीकृष्ण का 5248 वां जन्म महोत्सव 12 अगस्त बुधवार को मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के सचिव कपिल शर्मा ने जानकारी देते हुये बताया कि जन्मभूमि के संपूर्ण परिसर को अद्भुत कलात्मक रूप से सजाया जा रहा है। जन्मभूमि की नयनाभिराम भव्य साज-सज्जा को लाइव प्रसारण के माध्यम से देखकर श्रद्धालुगण अभिभूत हो उठेंगे। जन्मभूमि के संपूर्ण प्रांगण, भवनों एवं देवालयों को ब्रज के भावुक भक्त सज्जाकार अद्भुद् स्वरूप प्रदान करने के लिए दिन-रात साज-सज्जा एवं विद्युत सजावट के कार्यों में लगे हुए हैं। श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी पर 12 अगस्त बुधवार को सुबह मंगला-दर्शन से पूर्व भगवान इसी पोषाक को धारण कर दर्शन देंगे। पोषाक में रत्न प्रतिकृति, मोती एवं रेशम का उपयोग करते हुये कमल-पुष्प, पत्ती, लता-पता आदि की जड़ाई की गई है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि 11 अगस्त मंगलवार को शाम छह बजे श्रीकेशवदेव मंदिर से संत एवं आयोजन समिति के सदस्य ढोल-नगाड़े, झांझ-मंजीरे के मध्य भगवान श्री राधाकृष्ण की दिव्य पोषाक अर्पित करने के लिए संकीर्तन करते हुए जाएंगे। पोषाक, मुकुट, श्रंगार, दिव्य मोर्छलासन, कामधेनु गाय की प्रतिकृति एवं दिव्य रजत कमल के विशेष दर्शन होंगे।
मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान श्रीकृष्ण को ये करें अर्पित

-धन एवं वंश वृद्धि के लिए पीत पुष्प में इत्र लगाकर अर्पण करें।
-वैवाहिक तथा न्यायिक कार्य में सफलता के लिए हल्दी एवं केसर चढ़ाएं।
-स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से मुक्ति के लिए गुड़ से निर्मित खीर व हलवा का भोग लगाएं।
-सौंदर्य तथा निरोग काया की प्राप्ति के लिए माखन एवं दूध से बनी वस्तु का भोग लगाएं।
जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त

गुली काल मुहूर्त: 10.16 बजे से 11.54 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11.28 बजे से 12.20 बजे तक
निशित पूजा मुहूर्त: मध्यरात्रि 12.05 बजे से 12.47 बजे तक

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