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दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे घरों में ही रहें क्योंकि सूर्यदेव उगल रहे आग

locationभरतपुरPublished: May 25, 2020 09:04:32 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-तप रहे मकान और सड़कें, दोपहर को बाजारों में छाया सन्नाटा, 46 डिग्री तापमान पर तपी लोहागढ़ की धरती

दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे घरों में ही रहें क्योंकि सूर्यदेव उगल रहे आग

दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे घरों में ही रहें क्योंकि सूर्यदेव उगल रहे आग

भरतपुर. दिन का पारा 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के साथ हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में दोपहर 12 से चार बजे के बीच घर-प्रतिष्ठान से बाहर निकलने से बचें। गर्मी में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को अपनी इम्युनिटी मजबूत रखने के लिए पानी-शिकंजी का सेवन करें। आहार में कम वसा, नमक व चीनी का इस्तेमाल भी शरीर को स्वस्थ रखने में फायदेमंद साबित होगा। इस सीजन में वायरल इंफेक्शन का नौनिहालों के स्वास्थ्य पर तेजी से असर पड़ रहा है। बुखार, उल्टी व दस्त से ग्रस्त बच्चों के मामलों में वृद्धि हुई है। तापमान की बढ़ोतरी लोगों को तपा रही है। आसमान से आग उगलती सूरज की किरणें लोगों का घरों से बाहर निकलना भी दुभर कर रही हैं। सिर पर छाता व मुंह पर स्कार्फ लगाकर लोगों को जरुरी कार्यों से निकलना पड़ रहा है। यह सूरज के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने का नतीजा है, जब ऊपर से तपन बरस रही है। यह स्थिति बीते पांच दिन से है। जब तापमान लगातार बढ़ रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो बंगाल की खाड़ी से नमी का उठना बंद होना है। इससे सूरज की तेजी बढऩे के साथ गर्म हवा चल रही है। यही वजह है कि अधिकतम तापमान 45 डिग्री और न्यूनतम 31 डिग्री दर्ज किया गया।
डॉक्टर बोले: नींबू पानी, ठंडे पदार्थ व फलों का करें सेवन

आरबीएम अस्पताल के सीनियर फिजिशयन डॉ. विवेक भारद्वाज बताते हैं कि लॉकडाउन के बावजूद वायरल इंफेक्शन से ग्रस्त 15 बच्चे इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। बुखार, उल्टी व दस्त की शिकायत ज्यादा है। घर से बाहर कोरोना का खतरा ज्यादा है इसलिए डॉक्टर्स की सलाह अनुसार बच्चों को दवा का सेवन कराएं। पानी की कमी होने से रोकने के लिए नारियल पानी, नींबू पानी सहित पानी की पूर्ति वाले फल जैसे तरबूज इत्यादि का सेवन करवाएं। ओआरएस पाउडर को पानी में मिलाकर चम्मच से बच्चे को पिलाने पर उल्टी व दस्त से राहत मिलती है। स्तनपान बच्चों के लिए बहुत जरूरी है, जिसका विशेष ध्यान मां को रखना होगा। शरीर में पानी की मात्रा बनी रहती है। आगामी 15 से 20 दिन तक लू से बचना होगा। ऐसा नहीं किया तो शरीर में पानी की मात्रा कम होने से डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक तक की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए कम से कम तीन-चार लीटर पानी तो रोज पीएं। दिल के रोगियों को ज्यादा सावधान रहना चाहिए। जरूरत अनुसार पानी का सेवन करें।
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