सच ये…जेल में बिकता है महंगे दामों में प्रतिबंधित सामान सेवर जेल में यह पहला मामला नहीं है कि जब भ्रष्टाचार की पोल खुलकर सामने आई है। आठ सितंबर 2020 को भी सेवर जेल में प्रतिबंधित सामान महंगे दामों में बेचने व बड़े अपराधों में सजा काट रहे बंदियों के जेल की मैस चलाने का खुलासा हुआ था। इसमें छोटे बंदियों को परेशान करते हुए उन्हें गुणवत्ताहीन भोजन देने की बात भी स्पष्ट हुई थी। खुद सेवर जेल के एक कर्मचारी ने भी पत्र लिखकर इस प्रकरण का खुलासा किया था। प्रदेश की कड़ी सुरक्षा वाली सेवर जेल का स्टाफ ही कैदियों को मोटी रकम लेकर मोबाइल फोन और सिम उपलब्ध करा रहा था। उस समय बटन वाले मोबाइल के लिए 20 हजार और टच स्क्रीन वाले मोबाइल के लिए 50 हजार रुपए तक वसूले जाने का खुलासा हुआ था। जबकि इस जेल में देशभर के नामी बदमाश भी बंद है।
सवाल मांगते जबाव -सेवर जेल में गोपनीय जांच कराई जाए तो बड़ा खुलासा हो सकता है? -सेवर थाना पुलिस ने प्रकरण की रिपोर्ट दर्ज करने से क्यों मना किया? -जेल में चल रहे इस खेल में पूरे सिस्टम की हिस्सेदारी तो तय नहीं है?
-हर खुलासा होने के बाद भी कड़ी कार्रवाई उच्चस्तर से क्यों नहीं हुई? -वास्तव में नकदी के दम पर जेल में सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही? -मेरे पास इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है। अगर ऐसा कोई मामला है तो अभी खुद जाकर देखता हूं कि किस बंदी को प्रताडि़त नहीं करने के एवज में रकम मांगी है या कोई और मामला है।
अशोक कुमार वर्मा, अधीक्षक केंद्रीय कारागार सेवर