अत्यधिक नाजुक होने की वजह से स्ट्रॉबेरी के फ लों को छोटे एवं पारदर्शी प्लास्टिक के डिब्बे में पैक करते हैं। एक पैकेट में 200 ग्राम फ ल भरा जाता है। इन भरे हुए डिब्बों को गत्ते के दो टुकड़ों के बीच रखकर टेप से चिपका देते हैं। पैक डिब्बों को दूरस्थ स्थानों तक पहुंचाते हैं। तुडाई के बाद यथाशीघ्र फ लों की बिक्री करनी होती है। फलों को शीत गृह में नहीं रखा जाए तो वे दो दिनों में ही खराब हो जाते हैं। किसान अगले वर्ष पांच एकड़ में इसकी खेती करेगा।
स्ट्रॉबेरी स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। इसमें मौजूद विटामिन-सी एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है। इसमें कई ऐसे कार्बनिक यौगिक होते हैं जो कैंसर से भी बचाते हैं। मोहन जोशी — भुसावर