बैठक में संबंधित क्षेत्रों के उपखण्ड अधिकारी एवं पुलिस अधिकारियों से चर्चा करते हुए रामलुभाया ने नवीन जिलों के निर्माण के लिए आमजन की सुविधाओं एवं आकांक्षाओं की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मुझ पर विश्वास कर हाइ लेबिल कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त कर नवीन जिलों के गठन के सम्बन्ध में 6 माह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत बुधवार को नवीन जिले के संबंध में प्राप्त ज्ञापनों की संवेचना प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ की गई।
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यह बोले नगर एसडीएम
उपखण्ड अधिकारी नगर सुरेन्द्र प्रसाद ने नगर को जिला मुख्यालय बनाने के संबंध में क्षेत्र की भौगौलिक, ऐतिहासिक, सामाजिक एवं व्यवसायिक जानकारी देते हुए बताया कि नगर-सीकरी के जिला मुख्यालय से 55 किमी एवं अलवर से भी 55 किमी की दूरी पर है। यहां बांसबुर्जा गांव के पास एनएच दिल्ली-मुम्बई गुजरने से एवं सीकरी में वुडन वर्क का निर्यात होने से यहां के लोगों को व्यवसायिक गतिविधियों में वृद्धि होगी तथा मेवात क्षेत्र होने के कारण जिला बनने से शिक्षा, चिकित्सा एवं पर्यटन के क्षेत्र में वृद्धि हो सकेगी।
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यह बोले कामां एसडीएम
उपखण्ड अधिकारी कामां दिनेश शर्मा ने बताया कि क्षेत्र की सीमा हरियाणा एवं उत्तरप्रदेश से सटी होने के कारण क्षेत्र में पर्यटन की संभावना अधिक हैं, लेकिन आधारभूत सुविधाएं नहीं मिलने के कारण पर्यटकों का ठहराव नहीं हो पा रहा है। साथ ही ब्रज एवं मेवात संस्कृति होने के कारण साम्प्रदायिक परिस्थितियां भी बनी रहती हैं। क्षेत्र का मुख्य व्यवसाय खनन होने के कारण अवैध खनन की संभावनाएं अधिक रहती हैं। साथ ही क्षेत्र में साइबर क्राइम पर भी जिला बनने से नियंत्रण किए जाने की संभावना प्रबल रहेगी।
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यह बोले डीग एसडीएम
उपखण्ड अधिकारी डीग हेमन्त कुमार ने कहा कि डीग कामां-पहाड़ी-नगर-सीकरी एवं कठूमर क्षेत्र को शामिल कर डीग को जिला बनाया जा सकता है। डीग में जलमहल के कारण देश विदेश के पर्यटन मानचित्र पर है। साथ ही ब्रज चौरासी कोस में शामिल होने के कारण धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यहां का मुख्य व्यवसाय सरसों की खेती के साथ शहद उद्योग रहा है।
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यह बोले बयाना एसडीएम
उपखण्ड अधिकारी बयाना प्रशिक्षु आरएएस अधिकारी बाबूलाल ने बताया कि बयाना में डांग क्षेत्र होने के कारण ग्रामीण लोगों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए संसाधन न होने के कारण परेशानी होती है। जिला मुख्यालय से लगभग दूरी 90 किमी होने के कारण राजस्व एवं अन्य कार्यों के लिए काफी खर्चा एवं एक दिन पूरा लग जाता है। बयाना को रूपवास, वैर, भुसावर एवं करौली जिले का मंडरायल एवं धौलपुर के बसेड़ी क्षेत्र को जोडक़र जिला बनने पर लोगों को सुविधा रहेगी। क्षेत्र में बंध बारैठा, बाणासुर का किला, शेरगढ़ का किला एवं शीला माता को जोडक़र पर्यटन सर्किट भी बन सकेगा। इस क्षेत्र में खेती के साथ ही लाल पत्थर का व्यवसाय प्रमुख है, जिसका निर्यात देश विदेशों में भी किया जाता है।
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यह बोले पर्यटन मंत्री
पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने हाइ लेबिल कमेटी के अध्यक्ष पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रामलुभाया से औपचारिक मुलाकात कर डीग में कामां, पहाड़ी, नगर, सीकरी एवं कठूमर क्षेत्र को शामिल कर डीग को जिला बनाने की मांग की। साथ ही उन्होंने क्षेत्र के भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं पर्यटन के संबंध में श्री लुभाया को जानकारी दी।