प्रधानाचार्य के समर्थन में आगे आए ग्रामीण
इसी दौरान अऊ के ग्रामीण हेमेन्द्र शर्मा, जयप्रकाश, सुरेश चन्द्र, बाबू सिंह पूर्व सरपंच अऊ, खिरकी मैम्बर, उपसरपंच पंकज शर्मा, रामहरि जादौन, विष्णु जादौन आदि विद्यालय में पहुंचे। जिन्होंने जांच अधिकारी सीबीईओ को एक महजरनामा लिखकर दिया जिसमें प्रधानाचार्य अऊ हरवीर सिंह को नैतिक, चारित्रिक व कार्यशैली की दृष्टि से बहुत अच्छे व्यक्तित्व वाला व्यक्ति बताया। साथ ही प्रधानाचार्य हरवीर सिंह के प्रयास से ही विद्यालय में कुल छात्र संख्या 800 में से 400 छात्राएं होना बताया। ग्रामीणों ने कहा कि कुछ स्वार्थपरक व्यक्तियों ने विद्यालय का माहौल खराब करने व प्रधानाचार्य की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है। वहीं शिकायतकर्ता छात्रों ने भी जांच अधिकारी को लिखित में एक प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें उन्होंने लिखा है कि हम सभी छात्र कुछ लोगों के उकसावे पर एसडीएम डीग से मिलने गये थे और उन्हीं कुछ लोगों ने उनसे जबरदस्ती हस्ताक्षर कराये, जो लिखा हमें पढ़वाया नहीं गया। हमें प्रधानाचार्य से विद्यालय के अनुशासन से कभी कोई शिकायत नहीं रही। पूर्व में हमसे जो लिखवाया गया और कहलवाया गया उससे हमारा कोई सम्बंध नहीं है।
इनका कहना है-
छात्रों ने मुझ पर जो भी आरोप लगाये हैं वो मिथ्या हैं जबकि ये छात्र विद्यालय में वगैर ड्रेस व देरी से आये थे, जिसकी वजह से इनको विद्यालय में प्रवेश नहीं दिया गया। गांव के कुछ लोग विद्यालय का माहौल खराब करना चाहते हैं। जबकि मैं पूरी इमानदारी के साथ अपना काम कर रहा हूं।
– हरवीर सिंह चाहर, प्रधानाचार्य, राजकीय आदर्श उमा विद्यालय अऊ।
जांच के दौरान ग्रामीण व बच्चों के अभिभावक आये उन्होंने अपनी शिकायत को वापस लेते हुए कहा कि हम इस मामले कोई कार्यवाही नहीं चाहते। स्कूल में अब शांति है छात्रों ने भी अपनी शिकायत वापस ले ली है।
– तारासिंह सिनसिनवार, सीबीईओ