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दिल्ली की रैली में 10 हजार की भीड़ जुटाने का टारगेट, अब पदाधिकारियों की बढ़ी मुश्किल

locationभरतपुरPublished: Dec 05, 2019 11:39:52 pm

Submitted by:

rohit sharma

दिल्ली के रामलीला मैदान में 14 दिसंबर को प्रस्तावित रैली में जिले से 10 हजार की भीड़ जुटाने का लक्ष्य दिया गया है।

दिल्ली की रैली में 10 हजार की भीड़ जुटाने का टारगेट, अब पदाधिकारियों की बढ़ी मुश्किल

दिल्ली की रैली में 10 हजार की भीड़ जुटाने का टारगेट, अब पदाधिकारियों की बढ़ी मुश्किल

भरतपुर. दिल्ली के रामलीला मैदान में 14 दिसंबर को प्रस्तावित रैली में जिले से 10 हजार की भीड़ जुटाने का लक्ष्य दिया गया है। अब पदाधिकारियों के सामने समस्या यह आ रही है कि आखिर इतनी भीड़ किस तरह से एकत्रित की जाए और उन्हें ले जाने की व्यवस्था किस तरह की जाए। गुरुवार को जिलाध्यक्ष शेरसिंह सूपा की अध्यक्षता व राज्यमंत्री अशोक चांदना के नेतृत्व में हुई बैठक में रैली को सफल बनाने पर विचार विमर्श किया गया।

बैठक में राज्यमंत्री चांदना ने नगर निगम के मेयर अभिजीत कुमार व डिप्टी मेयर गिरीश चौधरी का माल्यार्पण कर स्वागत किया। चांदना ने वर्तमान केन्द्रीय सरकार की जन विरोधी नीतियों और केन्द्र सरकार की दमनकारी और विद्वेष की भावना से कांग्रेस नेता और नेताओं के खिलाफ फिजूल के बयानबाजी की निन्दा की। चांदना ने कहा कि कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक तथा मेयर, उप मेयर तथा वरिष्ठ कांग्रेस जनों के सहयोग से दिल्ली की रैली में लक्ष्य से ज्यादा 10 हजार कांग्रेस कायकर्ता जाएंगे। बैठक में विधायक अमरसिंह बयाना, साहबसिंह एडवोकेट, विभूतीराम, सूरज बघेल, दाऊदयाल जोषी, भूपेन्द्र षर्मा, लाखन हींगौली, रिक्की सिंह, पूर्व जिला प्रमुख राजवीर सिंह, सतीष सोगरवाल, श्रीचन्द गौड़, तोताराम प्रधान वैर, अशोक लवानियां, पुष्पेन्द्र गुर्जर, दिगम्बर सिंह बीकरवार, हेमेन्द्र चीकू, दीपक मुदगल, बवीता शर्मा, अशोक लवानिया आदि ने संबोधित किया। आभार युवक कांग्रेस जिला अध्यक्ष विनीत पाल ने किया। संचालन चुन्नीलाल ने किया। इसके अलावा राज्यमंत्री चांदना ने डिप्टी मेयर गिरीश चौधरी के साथ भी सारस चौराहा स्थित होटल में बैठक की। इसमें दिल्ली की रैली में अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को लाने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई।

साहब…5 साल खर्चा किया अब तो हमारी सरकार है


बैठक में खास बात यह रही कि कांग्रेस के एक वरिष्ठनेता यहां तक कह दिया कि मंत्री साहब पांच साल गुजर गए कार्यकर्ताओं को जेब से पैसा खर्च करते-करते। अब गाड़ी से लाने ले जाने की व्यवस्था तो सरकार के स्तर पर ही करनी चाहिए। इतने में ही राज्यमंत्री की नजर मीडियाकर्मियों पर पड़ी तो रिकॉर्डिंग होता देख वो भी सकपका गए और बाहर जाने को कह दिया।
हालांकि बताते हैं कि बैठक में पदाधिकारियों के यह बात कहने के बाद राज्यमंत्री ने भी आश्वासन दे दियाथा। उल्लेखनीय हैकि पार्टियों की रैली व प्रदर्शन में भीड़ जुटाने का जिम्मा तो सौंपा जाता है, लेकिन ऐनवक्त पर गाडिय़ों का प्रबंध भारी पड़ जाता है। ऐसे में परिवहन विभाग के माध्यम से अनौपचारिक तरीके से वाहनों की व्यवस्था पूर्व में भी की जाती रही है।

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