सम्मलेन मे वक्ताओं ने सामाजिक समरसता और आजादी के अमृत महोत्सव पर शिक्षक की भूमिका को अहम बताया। उन्होंने कहा कि संगठन शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा का ही एक माध्यम है। शिक्षकों को भी अपने कर्तव्यों का पूरी मेहनत और ईमानदारी तथा निष्ठा के साथ निर्वहन कर शिक्षा और शिक्षक हित मे कार्य करने की आवश्यकता है। क्योंकि राष्ट्रहित में शिक्षा और शिक्षक दोनों की ही भूमिका महत्वपूर्ण है। इससे पूर्व शिक्षकों की समस्याओं को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। जिसमें तृतीय श्रेणी के शिक्षकों की स्थानान्तरण प्रकिया, वेतन श्रंृखला से प्रधानाचार्य ,प्रबोधक व कुककम हेल्पर, प्रयोगशाला सहायक, शारीरिक शिक्षक संविदा शिक्षक सहित सभी कर्मचारियों की वेतन विंसगती को दूर करने , राज्य में तैनात शिक्षकों को केन्द्र के समान वेतन दिलाने एवं शिक्षकों को गैरशिक्षा सम्बन्धी कार्य से मुक्त किएजाने की मांग रखी।
समापन में मुख्य अतिथि के रूप में संगठन के प्रदेश सदस्य जगदीश चौधरी रहे एवं अध्यक्षता सर्वेश कुमार गुप्ता ने की। कार्यकारिणी के सदस्य हरिशंकरशर्मा , ओमप्रकाश खूटेला, रामनरेश, चन्द्रप्रकाश विशिष्ठ अतिथि के रूप मे ंउपस्थित रहे।
इस अवसर पर एसीबीईओ दिनेश तंवर, मानसिह बिधूड़ी, कृष्णकुमार, मनीष भारद्वाज, लाखनसिंह, गोपालप्रसाद, मन्टूरी शर्मा, राजेन्द्र जैन, बृजबिहारी, प्रकाश शर्मा, खुशवीर,जितेन्द्र सिंह, अंजना धाकड़, उषावर्मा, रंजीत सहित अन्य लोग मौजूद रहे।