मंगलवार देर शाम आरक्षण आंदोलन के संयोजक मुरारीलाल सैनी व प्रतिनिधिमंडल में शामिल पांच सदस्य जयपुर में वार्ता कर आंदोलन स्थल पर पहुंचा। जहां संयोजक मुरारीलाल सैनी ने जैसे ही राज्य सरकार की चि_ी पढना शुरू किया तो आंदोलनकारियों ने हाईवे खोलने से मना कर दिया। संयोजक से सवाल कर दिया कि आप खाली हाथ गए थे और खाली हाथ आए हैं। राष्ट्रीय फुले ब्रिगेड के संरक्षक चंद्रप्रकाश ने कहा कि अब हम यही रहेंगे। 12 प्रतिशत का आरक्षण लेकर ही जाएंगे। जयपुर में हुई वार्ता में सीएम अशोक गहलोत, देवाराम सैनी, एडवोकेट रामप्रताप सैनी, एडवोकेट मंगल ङ्क्षसह सैनी सरकार की ओर से वार्ता में शामिल हुए। कमेटी में मुरारीलाल सैनी, बदनङ्क्षसह कुशवाह, शैलेंद्र सैनी, पूरन ङ्क्षसह सैनी जिलाध्यक्ष अलवर, भागचंद ताकड़ा अध्यक्ष बांदीकुई, पवन धौलपुर व रोशनलाल जयपुर शामिल हुए। आंदोलनकारियों ने मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपए व आश्रित को सरकारी नौकरी मिलने तक हाईवे खाली करने से इंकार कर दिया।
चि_ी में यह लिखा…
संयोजक मुरारीलाल सैनी ने बताया कि प्रदेश सरकार केंद्र सरकार को चि_ी लिखेगी। राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार से मांग की जाएगी कि ओबीसी जातियों की जातिगत जनगणना की जाए। इसके आधार पर आरक्षण की मांग को आगे बढ़ाया जाएगा। सैनी समाज के लोगों से भी कहा गया है कि समाज के आर्थिक, सामाजिक व राजनैतिक आंकड़ों को ओबीसी आयोग के सामने प्रस्तुत करें।
अन्य मांगों का नहीं जिक्र
चि_ी में समाज के आंदोलनकारियों पर लगे मुकदमे, लव कुश बोर्ड एवं मृतक को सरकारी सहायता व नौकरी के संबंध में कोई भी उल्लेख नहीं होने पर समाज में भारी रोष व्याप्त है। उपस्थित आंदोलनकारियों ने मृतक परिवार को 50 लाख रुपए व आश्रित को सरकारी नौकरी नहीं मिलने तक राजगमार्ग को खाली नहीं करने की बात कही है।
ऐसे समझिए आंदोलन
सैनी समाज आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से 21 अप्रेल से जयपुर आगरा हाईवे पर अरोदा के पास चक्काजाम कर आंदोलन किया जा रहा है। इससे पहले 20 अप्रैल को पुलिस प्रशासन ने संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी समेत 26 लोगों को गिरफ्तार किया। आंदोलनकारियों की जिद के बाद सोमवार को संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी, समिति के मुख्य सचिव बदन ङ्क्षसह कुशवाहा, शैलेंद्र ङ्क्षसह कुशवाहा, नंद लाल माली समेत 16 लोगों को एसडीएम कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया गया।