भरतपुर

पिता का नाम दिलाने पर अड़ी थी मृतका, डॉक्टर दे रहा था हर बार दिलासा

शहर में आगरा रोड स्थित सूर्यासिटी में दीपा गुर्जर व उसके पुत्र शौर्य की हत्या मामले में गिरफ्तार आरोपी चिकित्सक डॉ.सुदीप गुप्ता को चिकसाना पुलिस ने रविवार को नगर कस्बे स्थित मजिस्ट्रेट के निवास पर पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में केंद्रीय कारागार सेवर भेज दिया।

भरतपुरNov 10, 2019 / 10:58 pm

rohit sharma

पिता का नाम दिलाने पर अड़ी थी मृतका, डॉक्टर दे रहा था हर बार दिलासा

भरतपुर. शहर में आगरा रोड स्थित सूर्यासिटी में दीपा गुर्जर व उसके पुत्र शौर्य की हत्या मामले में गिरफ्तार आरोपी चिकित्सक डॉ.सुदीप गुप्ता को चिकसाना पुलिस ने रविवार को नगर कस्बे स्थित मजिस्ट्रेट के निवास पर पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में केंद्रीय कारागार सेवर भेज दिया। उधर, पुलिस की अभी तक की जांच में हत्या की मुख्य वजह मृतका दीपा अपने पुत्र शौर्य को डॉ. सुदीप का नाम पिता के तौर पर दिलवाना चाहती थी, जिस पर डॉक्टर इनकार कर रहा था, वह उसे कुछ समय इंतजार करने की बात कहकर लगातार बहला रहा था। इसको लेकर दोनों में झगड़ा भी हो चुके थे।

पुलिस को आरोपी चिकित्सक के हत्याकाण्ड के षड्यंत्र में शामिल होने का अंदेशा है। जांच भी फिलहाल इसी दिशा में चल रही है। जांच में सामने आया है कि घटना के दिन सात नवम्बर को डॉ. सुदीप गुप्ता की वारदात से पहले और बाद में पत्नी डॉ. सीमा गुप्ता से बात हुई थी। इसका खुलासा दंपती के कॉल रिकॉर्ड खंगालने पर हुआ है। घटना से पहले उसकी मौजूदगी सूर्यासिटी में कुछ अन्य लोगों ने भी देखी है, फिलहाल पुलिस इसका खुलासा करने से बच रही है। हालांकि, घटना को जिस तरह अंजाम दिया है, उससे पुलिस उसे प्री-प्लान के तहत होने की आशंका जता रही है। पत्नी व मां के ज्वलनशील पदार्थ लेकर जाना और डॉक्टर की मौजदूगी आसपास होना पुलिस को संदेह जता रहा है। गौरतलब रहे कि चिकित्सक डॉ.सुदीप के दीपा गुर्जर से अवैध संबंध से नाराज पत्नी डॉ.सीमा गुप्ता व सास सुरेखा गुप्ता गत 7 नवम्बर की दोपहर आगरा रोड स्थित सूर्यासिटी स्थित मकान में पहुंचे और ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी। इसमें दीपा व उसके 6 वर्षीय पुत्र शौर्य की किचन में दम घुटने व झुलसने से मौत हो गई थी। इस प्रकरण में पुलिस पहले ही मुख्य आरोपी डॉ.सीमा गुप्ता व उसकी सास सुरेखा को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

दबाव के चलते की गुपचुप शादी


जांच में सामने आया कि डॉक्टर सुदीप प्रेमिका दीपा के रोज-रोज से दबाव के चलते उससे कुछ समय पहले दौसा के महवा स्थित एक होटल में गुपचुप तरीके से शादी भी कर चुका था। इसमें उसकी बहन का मौजूद होना बताया जा रहा है लेकिन अभी तक पुलिस को शादी या ऐसे किसी कार्यक्रम के फोटो प्राप्त नहीं हो सके। शादी होने का दावा करने वाले पक्ष का कहना हैकि डॉ.सुदीप गुप्ता के मोबाइल की जांच की जाए तो कुछ न कुछ जरूर मिल सकता है। जबकि दीपा गुर्जर का मोबाइल व फोटो की एलबम भी आग में राख हो चुकी है। इसलिए पुलिस अब शादी के बिंदु को सुराग लगाने में जुटी है।

बीमार सास-बहु को कराया अस्पताल के जेल वार्ड में भर्ती


पुलिस ने बताया कि डॉ.सुदीपकी पत्नी डॉ.सीमा व मां सुरेखा कैंसर से पीडि़त थे। वह प्रेमिका के ब्लैकमेल करने से तंग आ चुका था। इससे बचने के लिए उसने दीपा को कुछ दिन और इतंजार करने का भरोसा दिया था। उसने इनके कैंसर से पीडि़त होने की जानकारी भी दी थी।पुलिस को आशंका है कि डॉक्टर ने दीपा को इनके कैंसर से पीडि़त होने के चलते कुछ दिन और इतंजार करने की बात कही होगी। उसने बाद में साथ रहने का भरोसा दिया होगा। हालांकि, पुलिस इसकी जांच में जुटी हुई है। रविवार को सास सुरेखा गुप्ता व बहु डॉ.सीमा गुप्ता को तबियत खराब होने पर आरबीएम अस्पताल के जेल वार्ड में भर्ती कराया गया है।

ओम रेजीडेंसी में एक डॉक्टर के नाम पर कराया था फ्लैट बुक


दीपा पुत्र को पिता के तौर पर नाम देने के साथ मकान लेने पर भी अड़ी हुई थी। दीपा सूर्यासिटी में जिस विला में रह रही थी उसे उसके नाम करने की कह रही थी। जबकि यह विला सुदीप की पत्नी डॉ.सीमा के नाम पर होना बताया जा रहा है। जिस पर सुदीप ने दीपा को नया फ्लैट दिलाने का भरोसा दिया। जांच में सामने आया कि सुदीप ने ओम रेजीडेंसी में एक चिकित्सक मित्र के नाम पर फ्लैट भी बुक कराया था। हालांकि, पुलिस का कहना है कि फ्लैट की राशि कितनी दी है इसकी जांच की जा रही है। उधर, सुदीप दीपा की मांग चलते परेशान था। उसने स्कूटी मांगी, जिस पर उसे स्कूटी दिला दी। उसके बाद उसने अलग से इनकम सोर्स के लिए किसी तरह के बिजनेस की भी बात, जिस पर उसने विला में ही नया फर्नीचर लगवा कर स्पा खुलवाया दिया।

डॉक्टर को नहीं था अफसोस पर जाते समय निकले आंसू


पुलिस का कहना है कि इस घटना को लेकर डॉक्टर सुदीप को खास अफसोस नहीं दिखा। पुलिस ने उससे पूछताछ की, जिस पर उसने सामान्यतौर पर सवालों के जवाब दिए। उसे एक बार भी घटना को लेकर जरा भी अफसोस उसके चेहरे पर नजर नहीं आया। हालांकि जब उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के लिए ले जाया जा रहा था तो उसकी आंख से आंसू निकल रहे थे।
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