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टूटी खिड़कियां बनी लापरवाही की गवाह, लंबे समय से चल रहा था खेल

locationभरतपुरPublished: Dec 04, 2020 03:31:27 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-राजकीय बाल संप्रेषण गृह में आवासितों के शराब पार्टी करने का मामला, कमेटी की जांच में सामने आ रहे तथ्य

टूटी खिड़कियां बनी लापरवाही की गवाह, लंबे समय से चल रहा था खेल

टूटी खिड़कियां बनी लापरवाही की गवाह, लंबे समय से चल रहा था खेल

भरतपुर. सरसों अनुसंधान निदेशालय के पीछे स्थित राजकीय बाल संप्रेषण गृह में कमेटी की जांच में तथ्य सामने आ रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि पिछले काफी समय से भवन की खिड़कियां क्षतिग्रस्त पड़ी हुई थी। उनमें से आसानी से बाहर से कोई भी सामान आ-जा सकता था। सवाल इसलिए भी बड़ा है कि जब अधिकारी यहां आकर निरीक्षण करते थे तो उन्होंने इतनी बड़ी बात को जानकर भी मरम्मत क्यों नहीं कराई। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने दो दिसंबर के अंक में बाल संप्रेषण गृह में आवासितों ने की शराब पार्टी, सोशल मीडिया पर 22 मिनट तक किया लाइव शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
राजकीय बाल संप्रेषण गृह के प्रकरण की जांच के लिए एसडीएम दामोदर, बाल कल्याण समिति के सदस्य राजाराज भूतौली ने गार्ड, आवासितों के बयान दर्ज किए। कमेटी में शामिल सीओ ने भी जांच में सहयोग दिया। कमेटी की ओर से यह जांच रिपोर्ट जिला कलक्टर नथमल डिडेल को सौंपी जाएगी। जहां से यह रिपोर्ट आयुक्त को भेजी जाएगी। इसमें जांच रिपोर्ट के साथ ही कार्रवाई की भी सिफारिश की जाएगी। बताते हैं कि कमेटी को जांच में काफी सारे कारण सामने आए हैं। इसमें तय है कि पिछले लंबे समय से राजकीय संप्रेषण गृह के मामले में स्थानीय व उच्च अधिकारियों की ओर से लापरवाही बरती जाती रही है। पहले तो यह मामला ही दो दिन तक छिपाने की कोशिश की गई, लेकिन मामला मीडिया के पास पहुंच गया तो हड़कंप मच गया। अब तक जांच में बताया जा रहा है कि कमेटी को गार्डों से पूछताछ में काफी कुछ तथ्य मिले हैं। अब उनकी रिपोर्ट बनाई जा रही है। ज्ञात रहे कि राजकीय बाल संप्रेषण गृह में आए दिन कोई न कोई विवाद सामने आता रहा है। कभी यहां की खिड़की तोड़कर आवासित भाग जाते हैं तो कभी अंदर के फोटो व वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं। हर बार जांच के नाम पर खानापूर्ति कर क्लीन चिट दे दी जाती है। असल में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती है। इसी कारण कार्रवाई के अभाव में हर बार ऐसी लापरवाही की पुनरावृति होती रहती है।
मोबाइल से खुलेगा अंदर का राज

राजकीय बाल संप्रेषण गृह में एक की-पेड व एक एंड्राइड मोबाइल बरामद किए जाने की बात की जा रही है। अब एंड्राइड मोबाइल से ही पूरा राज खुल सकेगा। कमेटी में शामिल अधिकारियों की ओर से इस मोबाइल की भी जांच कराई जा रही है। ताकि रिपोर्ट में तथ्यों को शामिल किया जा सके। इसके अलावा गृह के अंदर तक शराब, गांजा या अफीम आदि आपत्तिजनक सामान किसके माध्यम से पहुंचता था, यह अभी राज बना हुआ है। चूंकि संबंधित विभाग भी इस प्रकरण में बचाव की कोशिश में जुटा हुआ है। विभाग ने टूटी खिड़कियों को लेकर भी आपत्तिजनक सामान अंदर जाने की बात कही है, परंतु सवाल यह भी खड़ा होता है कि अब यह अधिकारी जानकारी के बाद भी टूटी खिड़कियों के मामले से अनजान क्यों बने रहे।

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