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भरतपुर

साहब…800 किमी का तय करना है सफर, पैर के छालों से बह रहा खून

-जयपुर से गोरखपुर जा रहे श्रमिक परिवार का दर्द

भरतपुरMar 28, 2020 / 07:14 pm

Meghshyam Parashar

साहब...800 किमी का तय करना है सफर, पैर के छालों से बह रहा खून

साहब…800 किमी का तय करना है सफर, पैर के छालों से बह रहा खून

भरतपुर. कोरोना से बेरोजगार हुए श्रमिकों का दर्द भी असहनीय है। एक तो रोजगार का साधन नहीं बचा है और दूसरा घर जाने के लिए कोई साधन नहीं। ऐसे में बड़ी संख्या में जयपुर, आगरा, लखनऊ, गोरखपुर समेत देश के विभिन्न राज्यों के लिए श्रमिक पैदल ही सफर कर रहे हैं। हालांकि यह सुरक्षा के लिहाज से भी सही नहीं है। फिर भी मजबूर श्रमिकों के लिए कोई उपाय भी नहीं है। जयपुर से गोरखपुर जा रहे अनिल व श्याम ने बताया कि वह आठ सौ किलोमीटर के सफर के लिए निकल पड़े हैं। साथ में बच्चे भी हैं। जयपुर में मकान निर्माण का काम करते हैं। वहां मालिक से रुपए मांगे तो उन्होंने इंकार कर दिया। ऐसे में परिवार सहित सामान लेकर पैदल ही निकल पड़े हैं। रास्ते में कुछ लोग खाने को भी देते हैं। बाकी अगर कुछ भी नहीं मिलता है तो भूखे रहकर सफर तय करते हैं। रास्ते में कुछ वाहन चालक भी मिलते हैं तो कोई मदद नहीं करता है। सभी को डर लगता है कि कहीं कोरोना वायरस से संक्रमित हुए तो उन्हें भी हो जाएगा। पहले लोग मदद तो करते थे, लेकिन अब तो कोरोना ने मदद से भी दूर कर दिया है।
केस नंबर एक

गांव हंतरा में ईंट-भट्टे पर काम करने वाले विजय सिंह व राजवीर सिंह का परिवार अब बेरोजगार है। वह पैदल ही फतेहपुर सीकरी के गांव सिकरौदा के लिए निकले हैं। हालांकि गांव की दूरी इतनी नहीं है, लेकिन छोटे बच्चों के कारण परेशानी हो रही है।
केस नंबर दो

हलैना के पास ही ईंट-भट्टे पर काम करने वाले उमेशचंद परिवार के साथ आगरा जा रहे हैं। उनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं है।

केस नंबर तीन

पुरातत्व के कार्यकारी ठेकेदार के पास काम करने वाले खजुराहो का 13 महिला-पुरुष व आठ बच्चों का परिवार भरतपुर में फंस गया है। ऐसे में वह किले में पुरातत्व विभाग के भवन में रुका है। जब उनके पास भोजन के लिए भी पैसे खत्म हो गए तो कुसुम शर्मा हॉस्पिटक की संचालिका डॉ. कुसुम शर्मा, डॉ. लोकेश शर्मा व संदीप सिंह चौहान ने राशन आदि की मदद की। कालीचरण, जगदीश, रामवतार व संपत ने बताया कि ठेकेदार ने उन्हें यहां पर छोड़ दिया है। अब बीमारी का डर भी सता रहा है और बच्चों की भूख का भी।
घर जाने के लिए छिपकर जाना भी मजबूरी

कुम्हेर. कस्बे के भरतपुर गेट स्थित हनुमान मंदिर के पास पुलिस ने शनिवार को एक ट्रेलर को जांच के लिए रोका तो उसमें दो दर्जन के करीब युवक तिरपाल से ढके मिले। हैड कांस्टेबल अशोक फौजदार ने बताया कि कोरोना वाइरस की रोकथाम के लिए कस्बे में नाकेबंदी के दौरान नागालेण्ड नम्बरी ट्रेलर को रोका तो उसमें दो दर्जन युवक नीचे बैठे हुए थे। पूछताछ करने पर सभी ने कर्नाटक से मजदूरी कर वापस अपने गांव अलवर जिले जाना बताया।
फोटो–बीपी-2903केए..कुम्हेर. ट्रेलर में तिरपाल के नीचे छिपकर जाते मजदूर।

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