क्षेत्र के गांव खखावली निवासी नेमीचंद गुर्जर के पुत्र गौरव गुर्जर (22) तीन साल पहले एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए किर्गिस्तान गया था। यहां पर उसका किर्गिस्तान के चुय प्रांत में इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मेडिसिन यूर्निवसिटी में एडमिशन हो गया। बताया जा रहा है कि 31 दिसम्बर की रात 12 बजे बाद वह अपना जन्मदिन बनाने के लिए हॉस्टल में साथी छात्रों के साथ था।
बारह बजे बाद उसने दोस्तों के साथ अपने जन्मदिन का केक काटा, कुछ ही देर में उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे अचानक उल्टी हुई और गश खाकर नीचे फर्श पर गिर पड़ा। दोस्त उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां 1 जनवरी की सुबह करीब 4 बजे उसे इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। दोस्तों ने इसकी सूचना पर गौरव के परिजनों को दी। खबर मिलने पर घर में मातम छा गया। मृतक का शव किर्गिस्तान से दिल्ली पहुंचा, जहां से परिजन उसके शव को लेकर गांव ला रहे हैं।
गौरव ने तीन पहले यूरोप के जॉर्जिया की त्विलिसी मेडिकल अकादमी में एमबीबीएस के लिए एडमिशन लिया था। यहां वह करीब छह माह रहा और बाद में मन नहीं लगने पर वह पढ़ाई बीच में छोड़ कर घर लौट गया। उसके बाद उसने किर्गिस्तान की यूर्निवसिटी में आवेदन किया, जहां उसका दाखिला हो गया। वह वर्तमान में द्वितीय की पढ़ाई कर रहा था।
परिजनों ने बताया कि वह सितम्बर में किर्गिस्तान से घर खखावली आया था। यहां कुछ दिन रहने के बाद वह वापस विदेश लौट गया। उसका एक बड़ा भाई पवन गुर्जर है जो पिता के कटर थ्रसर मशीन बनाने के कारोबार में सहयोग करता है। परिजनों ने बताया कि शुरू से ही वह पढ़ाई में होशियार था और वह डॉक्टर बनना चाहता था। अचाकन हुई घटना से परिवार टूट गया है। पिता का कहना था कि वह उसके डॉक्टर बनकर देश लौटने का इतंजार कर रहे थे, उन्हें नहीं मालूम था कि एक दिन उसका शव लेने जाना पड़ेगा।