scriptदानियों के जज्बे को सलाम: प्लाज्मा दान कर बचा रहे मरीजों की जिंदगी | The lives of patients are saved by donating plasma | Patrika News

दानियों के जज्बे को सलाम: प्लाज्मा दान कर बचा रहे मरीजों की जिंदगी

locationभरतपुरPublished: May 11, 2021 05:05:12 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

– इस साल पहली बार दान किया प्लाज्मा

दानियों के जज्बे को सलाम: प्लाज्मा दान कर बचा रहे मरीजों की जिंदगी

दानियों के जज्बे को सलाम: प्लाज्मा दान कर बचा रहे मरीजों की जिंदगी

भरतपुर . आरबीएम अस्पताल में सोमवार को कोरोना पॉजिटिव मरीज को एक व्यक्ति ने प्लाज्मा दान कर उसकी जान बचाई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कप्तान सिंह ने बताया कि कार्यालय में कार्यरत सूचना सहायक हितेश कुमार ने गंभीर कोरोना पॉजिटिव मरीज अंकुश गुप्ता को प्लाज्मा दान किया। उन्होंने बताया कि हितेश कुमार पहले कोरोना पॉजिटिव हुए थे, जो नेगेटिव हो गए। उनकी एंटीबॉडी बन गई। इसलिए उन्होंने कोरोना पॉजिटिव मरीज को प्लाज्मा थैरेपी के माध्यम से प्लाज्मा दान कर जान बचाई।
प्लाज्मा क्या है

हमारे खून में चार प्रमुख चीजें होती हैं। डब्ल्यूबीसी, आरबीसी, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा। आजकल किसी को भी ***** ब्लड (चारों सहित) नहीं चढ़ाया जाता। बल्कि इन्हें अलग-अलग करके जिस चीज की जरूरत हो वही चढ़ाया जाता है। प्लाज्मा, खून में मौजूद 55 फीसदी से ज्यादा हल्के पीले रंग का पदार्थ होता है, जिसमें पानी, नमक और अन्य एंजाइम्स होते हैं। ऐसे में किसी भी स्वस्थ मरीज जिसमें एंटीबॉडीज विकसित हो चुकी हैं, का प्लाज्मा निकालकर दूसरे व्यक्ति को चढ़ाना ही प्लाज्मा थेरेपी है।
क्या सभी लोग प्लाज्मा दान कर सकते हैं

नहीं। जो लोग कोरोना होने के बाद ठीक हो चुके हैं। उनके अंदर एंटीबॉडीज विकसित हो चुकी हैं। सिर्फ वही लोग ठीक होने के 15 दिन बाद प्लाज्मा दान कर सकते हैं।
प्लाज्मा देने वाले को क्या खतरे हो सकते हैं?

प्लाज्मा देने वाले को कोई खतरा नहीं है। बल्कि यह रक्तदान से भी ज्यादा सरल और सुरक्षित है। प्लाज्मा दान करने में डर की कोई बात नहीं है। हीमोग्लोबिन भी नहीं गिरता। प्लाज्मा दान करने के बाद सिर्फ एक-दो गिलास पानी पीकर ही वापस पहली स्थिति में आ सकते हैं।
रक्तदान और प्लाज्मा दान में क्या अंतर है?

रक्तदान में आपके शरीर से पूरा खून लिया जाता है, जबकि प्लाज्मा में आपके खून से सिर्फ प्लाज्मा लिया जाता है और रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स वापस आपके शरीर में पहुंचाए जाते हैं। ऐसे में प्लाज्मा दान से शरीर पर कोई बहुत फर्क नहीं पड़ता।
प्लाज्मा दान में कितना वक्त लगता है

500 एमएल प्लाज्मा लेने में 30 से 45 मिनट लगते हैं। पवन कुमार ब्लड सैल ऑफिसर ने कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हो चुके लोगों से आरबीएम की ब्लड बैंक में आकर प्लाज्मा दान करने की अपील की है।
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