शहर में विभाग के पूर्व और पश्चिम क्षेत्र में करीब 38 हजार उपभोक्ता हैं। वहीं अमृता योजना के तहत नए उपभोक्ताओं के घरों में 05 हजार मीटर लगाए जाएंगे। शेष 15 हजार मीटर लगाने की सुविधा पुराने उपभोक्ताओं को दी जा रही है। इससे कनेक्शनधारी 43 हजार पर पहुंचेंगे।
सरकार ने 15 हजार लीटर पानी प्रतिमाह नि:शुल्क देने के आदेश दिए थे, जिसे अब आने वाले नए बिलों में लागू कर दिया जाएगा। इसके चलते अब तक करीब 12 हजार मीटर लगा दिए हैं। लेकिन, इनमें से जवाहर नगर के डी-ब्लॉक, राजेंद्र नगर व अन्य स्थानों से घरों के बाहर लगे मीटरों को लोग उखाड़कर ले गए हैं।
ऐसे में सरकार की 15 हजार लीटर पानी की नि:शुल्क सेवा का लाभ मिलना संशय में डाल रहा है। इस आदेश से पहले घरेलू उपभोक्ता को दो माह में 40 हजार लीटर पानी देने का प्रावधान था। वहीं बिल भी दो माह के शुल्क सहित लगभग 193 रुपए था।
इस स्कीम के प्रभावी होने पर प्रतिमाह 15 हजार लीटर पानी नि:शुल्क मिलेगा। इसका आंकलन मीटर से होगा। इस पर उपभोक्ता को एक माह का केवल 49.50 रुपए शुल्क ही देना होगा। वहीं पन्द्रह हजार लीटर से अधिक पानी का उपयोग करने पर एक माह के शुल्क सहित करीब 99 रुपए देने होंगे। यानि एक माह में 50 रुपए का नुकसान होगा।
दूसरी ओर कॉलोनियों व मोहल्लों से पानी के मीटर चोरी हो रहे हैं। ऐसे में नि:शुल्क पानी का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को प्रति मीटर खरीदने में लगभग एक हजार रुपए का नुकसान होगा। जलदाय विभाग भरतपुर में एसई हेमंत कुमार का कहना है कि पानी के मीटर घरों के अंदर ही लगने चाहिए, बाहर नहीं। उपभोक्ताओं की भी जिम्मेदारी बनती है। मीटर अगर बाहर लगाए हैं तो में जांच कराऊंगा। वहीं अब जो बिल जारी होंगे वह नि:शुल्क पानी देने के नियम से लागू होंगे।